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क्या दौड़ते समय मुंह बंद रखना सही है? Is it okay to keep your mouth shut while running?
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क्या दौड़ते समय मुंह बंद रखना सही है? Is it okay to keep your mouth shut while running? रनिंग /दौड़ना - एक कंपलीट एक्सरसाइज है। रोजाना दौड़ने से हमे शरीर स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी लाभदायक है। रोजाना दौड़ने से हमारे मसल्स मजबूत होते ही है, पर हमारे फेफड़ों को इससे ज्यादा फायदा होता है। साथ ही हमारे दिमाग के लिए भी दौड़ना काफी अच्छा साबित होता है। यह सब लाभ हमें नियमित रूप से दौड़ने पर मिलते हैं। इसमे दौड़ते समय स्पीड और अंतर के आधार पर फिटनेस को जाना जाता है। तो इसी फिटनेस लेवल को बढ़ाने के लिए लोग अलग-अलग तरीके अपनाते हैं और कुछ गलत धारणाएं भी चली आ रही है इसमें से ही एक "दौड़ते समय अपना मुंह बंद रखने से स्टेमिना बढ़ता है" तो यह काफी गलत है। जब हम दौड़ते हैं, तब हमारे शरीर में ऑक्सीजन की जरूरत बढ़ती है। इसलिए दौड़ते समय हमें हमारे नाक और मुंह दोनों से ही सांस लेते रहना चाहिए। जिससे कि ज्यादा ऑक्सीजन हमें मिलता रहेगा और हम बिना थके ज्यादा देर तक दौड़ सकेंगे। लंबी दौड़ और स्टेमिना बढ़ाने के लिए आसान टिप्स। १ दौड/ रनिंग की शुरुआत में वॉर्म अप करें - रनिंग के शुरुआत में
स्वस्थ होना और फिट होने में क्या अंतर है? What is the difference between being healthy and being fit?
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स्वस्थ होना और फिट होने में क्या अंतर है? What is the difference between being healthy and being fit? आइए फिटनेस को समझें। लोग फिटनेस को पूरी तरह से गलत समझते हैं। लोग सोचते हैं कि यदि वे अधिक तीव्रता से व्यायाम करते हैं (बहुत अधिक वजन के साथ व्यायाम करते हैं) या यदि वे कार्डियो के दौरान बिना रुके लंबी दूरी तक दौड़ सकते हैं, या यदि उनका शरीर अधिक लचीला है। बहुत से लोग स्वस्थ और फिट के बीच दो चीजों को भ्रमित करते हैं। वे इन दोनों बातों को एक मानते हैं। दरअसल ये दोनों चीजें अलग हैं और इनके मायने भी अलग हैं। स्वस्थ का अर्थ है कि व्यक्ति को कोई बीमारी नहीं है, कोई शारीरिक अक्षमता नहीं है और फिट का अर्थ है किसी भी शारीरिक कार्य को आसानी से करने की क्षमता। जब कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण कार्य करता है, तो शरीर के सभी अंग/अंग मिलकर उसे चुनौतीपूर्ण बनाने का काम करते हैं। यह शरीर के हर अंग के लिए एक चुनौती है। किसी भी शारीरिक चुनौती को न्यूनतम प्रयास के साथ पूरा करना ही फिटनेस है। एक व्यक्ति जो फिट है वह अपने दैनिक जीवन की गतिविधियों को करने में अत्यधिक कार्यात्मक है और इ
खानपान संबंधी अच्छी बातें। Good things about food.
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खानपान संबंधी अच्छी बातें। Good things about food. खाना हमारे सेहत के लिए जरूरी होता है। खाने से ऊर्जा पाकर हम हमारे दैनंदिन कामकाज सुचारू रूप से पूरा करते हैं, और हमारे शरीर को भी तंदुरुस्त रखने के लिए अच्छा और सेहतमंद खाना जरूरी होता है। कुछ लोग भरपूर मात्रा में खाकर भी उन्हें सेहत संबंधी शिकायतें होती है, क्योंकि उन्हे खानपान संबंधी जरूरी बातों की समझ नहीं होती या फिर वह लापरवाह होते हैं। किसी भी समय बस खाते रहते हैं, इससे मोटापा इस तरह की समस्याओं का वह शिकार होते हैं। सुबह का नाश्ता सुबह हम अपने जरूरी काम निपटा कर योग, एक्सरसाइज, या पूजा अर्चना करने के बाद घर से बाहर जाने से पहले या रेडी होने की 1 घंटे के भीतर हमें नाश्ता कर लेना चाहिए। जिससे हमें ऊर्जा मिलती है और हम अपने दिन की शुरुआत अच्छे से कर सकते हैं। दोपहर का खाना नाश्ते के चार-पांच घंटे के बाद आप दोपहर का खाना खा लेना चाहिए अगर बढ़ते बच्चे हैं तो भर पेट खाना चाहिए जिसमें दाल- रोटी सब्जी- चावल आदि हेल्दी फूड खाना चाहिए। दोपहर का नाश्ता फल खाने के लिए यह समय काफी अच्छा होता है। दोपहर 3:00 से 5:00 के बीच जब आप दो
फेंटबॉल खेल के नियम तथा खेल प्रदर्शन। The rules and sports performance of the feintball
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फेंटबॉल खेल के नियम तथा खेल प्रदर्शन। The rules and sports performance of the feintball खेल का मैदान - 1 क्षेत्र का आयाम - क्षेत्र आकार में आयताकार है और मिट्टी या सीमेंट या सिंथेटिक से बना हो सकता है। 2 खेल मैदान की लंबाई 15 मीटर (साइड लाइन) और चौड़ाई 6 मीटर (बेस लाइन) है। 3 मैदान के बीच में जोन रेखा होती है। 4 मैदान के दो पार्श्व रेखाओं को जोड़ने वाली मध्य रेखा कहलाती है। सेटर सीधे नेट के नीचे होता है। 5 सेन्टर लाइन रेखा से 1 मीटर दोनों तरफ की दूरी को मृत रेखा (डेड लाइन)कहा जाता है। 6 डेड लाइन से 3.5 मीटर की दूरी पर ज़ोन लाइन (वर्टिकल ज़ोन लाइन), ज़ोन लाइन (वर्टिकल) और बेस लाइन को इंटरसेक्ट करने वाली लाइन ज़ोन है। नोट: 1 खेल मैदान क्षेत्र की प्रत्येक लाइन 5 सेमी है। 2 खेल मैदान की दिशा उत्तर दक्षिण होनी चाहिए। नियम 2. खेल सामग्री - जाल (नेट) - जाल की लंबाई 6.10 मीटर और चौड़ाई 0.70 मीटर है। जमीनी स्तर से के केंद्र तक । सीनियर और जूनियर के लिए नेट की ऊंचाई 1.80 मीटर (ऊपरी तरफ) होनी चाहिए, जिसकी ऊंचाई सब-जूनियर ग्रुप के लिए केंद्र में नेट 1.65 मीटर होना चाहिए। प
कुलिंग डाउन एक्सरसाइज कब और कैसे करें। When and how to do the cooling down exercise.
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कुलिंग डाउन एक्सरसाइज कब और कैसे करें। When and how to do the cooling down exercise. कुलिंग डाउन क्या है? खिलाड़ी जब मैदान पर खेलते हैं तो खेल में वह अपनी पूरी ताकत लगा देते हैं हर हाल में जीतना चाहते हैं। खेल मे जितना ही उनका मकसद होता है। मैच के दौरान वह काफी मेहनत करते हैं। जिससे वह काफी थक जाते हैं। उनके स्नायु दर्द करने लगते हैं। इस स्थिती में स्नायु को रिलैक्स करने के लिए जो हल्के से एक्सरसाइज करनी होती है, उसे कूलिंग डाउन एक्सरसाइज कहा जाता है । कूलिंग डाउन करने के बाद स्नायु रिलैक्स होते हैं और दूसरे दिन तंदुरुस्ती के साथ मैदान पर अच्छे से वह खिलाड़ी खेल सकते हैं। कूलिंग डाउन एक्सरसाइज कब करें। कॉलिंग डाउन एक्सरसाइज खिलाड़ी उनका वर्कआउट या खेल खत्म होने के बाद ग्राउंड छोड़ने से 10 मिनट पहले यह एक्सरसाइज आरंभ करनी है। जिससे कि थकान और स्नायु को (रिलीफ) आराम मिले। कौन सी एक्सरसाइज करें। वर्कआउट या मैच के बाद जब हम कूलिंग डाउन एक्सरसाइज करते हैं, वह एक्सरसाइज हर खेल के लिए अलग-अलग तरह से की जाती है। जैसे फुटबॉल और एथलीट को पैर के स्नायु में दर्द या अकड़ जाते हैं तो उन्
क्या 40 की उम्र में भी जिम या वेट ट्रेनिंग करना चाहिए? Should I do gym or weight training even at 40?
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क्या 40 की उम्र में भी जिम या वेट ट्रेनिंग करना चाहिए? Should I do gym or weight training even at 40? उम्र 40 जीवन का वह पड़ाव है जहां से इंसान अपनी आधी जिंदगी जी कर बच्ची वाली जिंदगी के तरफ बढ़ रहा होता है। अभी तक वह शादी, बच्चे और काम या नौकरी में सेट हो जाता है। अपनी जरूरतें पूरी करते-करते वह खुद की पर्सनल लाइफ भूल जाता है। उसकी डेली रूटीन काफी बिजी होती है। नौकरी के साथ घर की जरूरतें पूरी करने में उसका पूरा दिन निकल जाता है। इस तरह की जीवन शैली से काफी चीजों का को वह समय नहीं दे पाता है। जैसे समाज, रिश्तेदार और फिजिकल फिटनेस। तो अगर हमें आगे की जिंदगी अच्छे से बितानी है, तो हमें यह खास बातें अभी से अमल करनी चाहिए। जिससे कि हमारे आगे की जिंदगी आराम से और अच्छे से बीते। १ हेल्थ चेक अप- इस उम्र में आपके बाल झड़ने और पकने लगते हैं। हेल्थ पर ध्यान न देने से सेहत से जुड़ी हल्की बीमारियां दस्तक देने लगती है। आंखों की समस्या भी यही उम्र में महसूस होती है। इसलिए सबसे पहले हेल्थ चेकअप करना जरूरी है। इसके बाद हमें आगे की उपाय योजना करना आसान हो जाता है। २ खान-पान और पर्याप्त नींद इस
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रनिंग स्टैमिना कैसे बढ़ाए। How to increase running stamina. 1600 मीटर दौड़ समय सीमा के अंदर पूरा कैसे करें। फौज या पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहे जवानों के लिए फिजिकल टेस्ट से गुजरना पड़ता है। जिसमें दौड़ना महत्वपूर्ण होता है, निर्धारित समय में जो दौड़ पूरी कर लेते हैं उन्हें ही आगे की प्रक्रिया में स्थान दिया जाता है। इसलिए रनिंग भर्ती प्रक्रिया में महत्वपूर्ण होती है। इसलिए जो नए जवान भर्ती की तैयारी कर रहे हैं उन्हें कैसे दौड़ना है, और रनिंग का स्टैमिना किस तरह से बढ़ाया जाता है। यह आज हम जाने वाले हैं। रनिंग से पहले यह करें। १ स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज २ रस्सी कूदना ३ जंपिंग करना 4 तैरना 5 हफ्ते में एक दिन पहाड़ पर दौड़ 6 योगा और ब्रिथिंग एक्सरसाइज। नियमित दौड़ में सुधार। जो स्टूडेंट नए हैं वह यह बात जान ले कि रनिंग नियमित रूप से करना है। रनिंग का स्टैमिना बढ़ाने के लिए सुबह जल्दी उठ कर फ्रेश हवा में रनिंग का अभ्यास करें अगले दिन जितनी देर रनिंग करनी है समय सेट कर करें। अगले दिन उसी समय में 5 से 10 सेकंड जल्दी रनिंग खत्म करने का लक्ष्य रखें। इस तरह से 8 से 10 दिन में आप
बच्चों को मोबाइल की दुनिया से बाहर कैसे लाए।। How to get rid of mobile habit of kids
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बच्चों को मोबाइल की दुनिया से बाहर कैसे लाए। How to get rid of mobile habit of kids. मोबाइल की आदत- अगर आपका बच्चा भी मोबाइल से चिपका रहता है तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है। आपकी बच्चों का ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल उसके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालता है। मोबाइल के ज्यादा देखने से आखें, गर्दन तथा कई शारीरिक बीमारियों का वह शिकार हो सकता है। बच्चों की मोबाइल की लत छुड़ाने के उपाय। १ आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हम अपने बच्चों को ज्यादा समय नहीं दे पाते हैं। कई बार वह कोई बात या जानकारी पूछने पर हम उसे टालने के लिए उन्हें मोबाइल देकर चुप करते कराते हैं। ऐसे समय में हम उनके प्रश्न का उत्तर देना चाहिए। उनके साथ ज्यादा समय व्यतीत करना चाहिए। २ घर पर खाली समय में घर कामों में बच्चों की मदद ले उनको छोटे-छोटे काम करना सिखाए। ३ बच्चों की पसंदीदा एक्टिविटी में उनकी मदद करें। 4 उन्हें जो पसंद है वह क्लास भी लगा सकते हो जैसे आर्ट्स, ड्राइंग, खेल, डांस आदि। ५ बच्चों को प्रकृति की जानकारी दें। मैदानी खेल के लिए प्रेरित करें। ६ अपने बच्चों को अलग-अलग रचनात्मक काम देते रहें
बालासन करने की विधि और लाभ। How to do practice balasana।
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बालासन करने की विधि और लाभ। How to do practice balasana। बालासन यह एक संस्कृत शब्द है इसमें ( बाल+ आसन) बाल का अर्थ होता है शिशु और आसन का मतलब मुद्रा शिशु जैसी मुद्रा। कभी-कभी बालक इसी अवस्था में सोते हैं यह एक आराम की स्थिति है। बालासन करने की विधि १ सबसे पहले आप योगा मैट पर वज्रासन में बैठ जाए। २ इस अवस्था में दोनों हाथ ऊपर की ओर सीधे कर सांस भरना है। ३ अब कमर से सामने की ओर सांस छोड़ते हुए अपना माता जमीर पर टेक देना है। ४ अगर आपका माथा जमीन पर टिकने में दिक्कत हो तो अपना हाथ के पंजों की मुठ्ठी बनाकर उसपर अपना सर कम से कम 5 मिनट रखना है। ५ अब सांस भरकर ऊपर मूल स्थिती वज्रासन में आ जाए। बालासन के फायदे १ बालासन नियमित रूप से करने से पाचन क्रिया में सुधार होता है। २ पेट की सभी समस्याओं में लाभ होकर चर्बी कम होती है। ३ रीड की हड्डी लचीली और मजबूत होती है। ४ पैर के सभी अंगों का विकास होता है। ५ रक्त प्रवाह सिर तक होने से मानसिक शांति और एकाग्रता बढ़ती है। नोट- १ घुटना या पैर में चोट हो तो यह आसन ना करें। २ उच्च रक्तचाप या सिर दर्द में भी यह आसन नहीं करना चाहिए।