संदेश

भू - नमन वज्रासन करने की विधी और लाभ। लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

भू नमन वज्रासन करने की विधी और लाभ।

चित्र
  भू- नमन वज्रासन  यह एक वज्रासन का ही प्रकार है। विधी 1 वज्रासन मे बैठना है। 2 अब धिरे - धिरे सामने की और झुकना है। सामने जमीन पर अपना माथा टेकना है। 3 अपने हातो को मोड कर विरोधी पंजे से कोहनी के पास पकडना है। 4 सांस को रोकना है। 5 अब 10 सेकंद तक इसी अवस्था मे रुकना है। 6 सांस छोडकर उपर आणा है। 7 कुछ दिनो के नियमित आभ्यास से समय बढाना है। 8 यह आसन खाली पेट करना है। इस आसन को नियमित करणे से निन्मलिखित लाभ होते है। 1 जठर सुदृढ बनता है। यकृत के बिमारी से बचते है।और स्वादुपिंड सक्रिय रहता है। 2 रीड की हड्डी लचिली और मजबूत बनती है। 3 पेट और छाती के स्नायू मजबूत बनते है। 4 बद्धकोष्ठता से राहत मिलती है। 5 इस आसन से मधुमेह, पेट के विकार, सर्दी निद्रानाश, दमा, मंदाग्नि जैसे रोगो से मुक्ती मिलती है। 6 हमारे भीतर  स्फुर्ती का संचार होता है।