कुलिंग डाउन एक्सरसाइज कब और कैसे करें। When and how to do the cooling down exercise.

 कुलिंग डाउन एक्सरसाइज कब और कैसे करें।

When and how to do the cooling down exercise.

 कुलिंग डाउन क्या है?

 खिलाड़ी जब मैदान पर खेलते हैं तो खेल में वह अपनी पूरी ताकत लगा देते हैं हर हाल में जीतना चाहते हैं। खेल मे जितना ही उनका मकसद होता है। मैच के दौरान वह काफी मेहनत करते हैं। जिससे वह काफी थक जाते हैं। उनके स्नायु दर्द करने लगते हैं। इस स्थिती में स्नायु को रिलैक्स करने के लिए जो हल्के से एक्सरसाइज करनी होती है, उसे कूलिंग डाउन एक्सरसाइज कहा जाता है । कूलिंग डाउन करने के बाद स्नायु रिलैक्स होते हैं और दूसरे दिन तंदुरुस्ती के साथ मैदान पर अच्छे से वह खिलाड़ी खेल सकते हैं।

 

कूलिंग डाउन एक्सरसाइज कब करें।

 कॉलिंग डाउन एक्सरसाइज खिलाड़ी उनका वर्कआउट या खेल खत्म होने के बाद ग्राउंड छोड़ने से 10 मिनट पहले यह एक्सरसाइज आरंभ करनी है। जिससे कि थकान और स्नायु को (रिलीफ) आराम मिले।


 कौन सी एक्सरसाइज करें।

 वर्कआउट या मैच के बाद जब हम कूलिंग डाउन एक्सरसाइज करते हैं, वह एक्सरसाइज हर खेल के लिए अलग-अलग  तरह से की जाती है। जैसे फुटबॉल और एथलीट को पैर के स्नायु में दर्द या अकड़ जाते हैं तो उन्हें आराम या नार्मल करने के लिए हमें उन स्नायु को रिलैक्स करना होगा इस तरह से अलग अलग तरीके से हम एक्सरसाइज करते हैं।


यह बात याद रखें।

 कूलिंग डाउन एक्सरसाइज में हमें हमारे स्नायु को रिलीफ देना है, इसलिए  खेल खत्म होने के बाद मैदान छोड़ने से पूर्व 8 से 10 मिनट पहले यह एक्सरसाइज करना है। एक्सरसाइज बड़े आराम से और कम मात्रा में करना।


     

         कूलिंग डाउन एक्सरसाइज का वीडियो 

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