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बच्चों को मोबाइल की दुनिया से बाहर कैसे लाए।। How to get rid of mobile habit of kids

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बच्चों को मोबाइल की दुनिया से बाहर कैसे लाए। How to get rid of mobile habit of kids.   मोबाइल की आदत- अगर आपका बच्चा भी मोबाइल से चिपका रहता है तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है। आपकी बच्चों का ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल उसके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालता है। मोबाइल के ज्यादा देखने से आखें, गर्दन तथा कई शारीरिक बीमारियों का वह शिकार हो सकता है।   बच्चों की मोबाइल की लत छुड़ाने के उपाय। १ आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हम अपने बच्चों को ज्यादा समय नहीं दे पाते हैं। कई बार वह कोई बात या जानकारी पूछने पर हम उसे टालने के लिए उन्हें मोबाइल देकर चुप करते कराते हैं। ऐसे समय में हम उनके प्रश्न का उत्तर देना चाहिए। उनके साथ ज्यादा समय व्यतीत करना चाहिए।  २ घर पर खाली समय में घर कामों में बच्चों की मदद ले उनको छोटे-छोटे काम करना सिखाए।  ३ बच्चों की पसंदीदा एक्टिविटी में उनकी मदद करें।  4 उन्हें जो पसंद है वह क्लास भी लगा सकते हो जैसे आर्ट्स, ड्राइंग, खेल, डांस आदि।  ५ बच्चों को प्रकृति की जानकारी दें। मैदानी खेल के लिए प्रेरित करें।  ६ अपने बच्चों को अलग-अलग रचनात्मक काम देते रहें

बालासन करने की विधि और लाभ। How to do practice balasana।

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  बालासन करने की विधि और लाभ। How to do practice balasana।   बालासन यह एक संस्कृत शब्द है इसमें  ( बाल+ आसन) बाल का अर्थ होता है शिशु और आसन का मतलब मुद्रा शिशु जैसी मुद्रा। कभी-कभी बालक इसी अवस्था में सोते हैं यह एक आराम की स्थिति है।   बालासन करने की विधि  १ सबसे पहले आप योगा मैट पर वज्रासन में बैठ जाए। २ इस अवस्था में दोनों हाथ ऊपर की ओर सीधे कर सांस भरना है।  ३ अब कमर से सामने की ओर सांस छोड़ते हुए अपना माता जमीर पर टेक देना है।  ४ अगर आपका माथा जमीन पर टिकने में दिक्कत हो तो अपना हाथ के पंजों की मुठ्ठी बनाकर उसपर अपना सर कम से कम 5 मिनट रखना है। ५ अब सांस भरकर ऊपर मूल स्थिती वज्रासन में आ जाए।   बालासन के फायदे १ बालासन नियमित रूप से करने से पाचन क्रिया में सुधार होता है।  २ पेट की सभी समस्याओं में लाभ होकर चर्बी कम होती है।  ३ रीड की हड्डी लचीली और मजबूत होती है।  ४ पैर के सभी अंगों का विकास होता है।  ५ रक्त प्रवाह सिर तक होने से मानसिक शांति और एकाग्रता बढ़ती है।   नोट- १  घुटना या पैर में चोट हो तो यह आसन ना करें।  २ उच्च रक्तचाप या सिर दर्द में भी यह आसन नहीं करना चाहिए।

कराटे प्रतियोगिता कैसे खेली जाती है? How is karate competition played?

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कराटे प्रतियोगिता कैसे खेली जाती है? How is karate competition played?   कराटे प्रतियोगिता से जुड़ी हर तैयारी की जानकारी- कराटे वैसे तो आत्मरक्षा के लिए जाना जाता है। पर यह एक खेल के रूप में भी काफी मजेदार और कौशल पूर्ण है। कराटे की जिला लेवल से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतियोगिताएं होती है। तो आज हम कराटे की प्रतियोगिता से जुड़े हर जरूरी बातों को जानने वाले हैं।   सुरक्षा साधन - (sefty equipment) कोई भी खेल हो उसे खेलने से पहले हमें अपनी सुरक्षा का ख्याल रखना चाहिए। तभी जाकर हम अच्छी तरह से खेल को खेल सकते हैं। तो खिलाड़ी की सुरक्षा के लिए कराटे में भी उच्च सुरक्षा साधनों का उपयोग किया जाता है। १ चेस्ट गार्ड- जो पेट,  शीना और बैक साइड को सुरक्षा प्रदान करता है।  २ हेड गार्ड - जिससे हमारा सिर और मुंह बचा रहता है। 3 तीथ गार्ड - जो हमारी दातों की सुरक्षा करता है। ४ सेंटर गार्ड - हमारी नाजुक अंग की सुरक्षा के लिए होता है। ५ हैंड ग्लब्स - हाथ से होने वाली मार   की तीव्रता  को कम करता है। ६ शिन गार्ड - किक की मार से बचाता है।   कराटे की फाइटिंग एरिया - कराटे प्रतियोगिता के लिए 10 बाय

हनुमान दंड कैसे लगाए। Method and benefits of Hanuman dand (push ups)

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  हनुमान दंड कैसे लगाए। Method and benefits of Hanuman dand (push ups) हनुमानजी शौर्य और ताकत के प्रतीक है। यह दंड नियमित रूप से करने पर हमें इसी तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। यह एक कंपलीट वर्क आउट है। इससे हमें शक्ति और लचीलापन प्राप्त होता है।  हनुमान दंड लगाने का तरीका   १ अपने हाथ और पैर जमीन पर दंड पोजीशन में रखे। २ शुरुआत में सीधा पैर घुटने से मोड़कर आपके हाथ के बाजू में रखकर दंड लगाए। ३ दंड लगाने के बाद अपना पर उसी स्थान पर दंड पोषण में ले जाए। ४ अब यही क्रिया दूसरे पैर के साथ करें। ५ इस तरह अपनी क्षमता अनुसार इस दंड को लगाए। हनुमान दंड नियमित करने से होने वाले लाभ। १ शरीर के सभी जोड़ों का व्यायाम होता है। २ हाथ के बाजू मजबूत बनते हैं। ३ छाती चौड़ी और मजबूत होती है।  ४ हमारे कंधे भारदार और मजबूत होते हैं।  ५ पीठ के स्नायु लचीले और मजबूत होते हैं।  ६ एथलेटिक्स धावक की धावन क्षमता में बढ़ोतरी होती है।  ७ शक्ति में बढ़ोतरी होती है।   नोट- जिन्हें कमर में दर्द या कोई बीमारी हो वह डॉक्टर की सलाह के बाद ही यह वर्कआउट करें।   हनुमान दंड लगाने का सही वक्त - यह दंड सूर्योदय से पूर्व खाली

बच्चे का वजन नहीं बढ़ रहा , तो ये उपाय करें! Baby is not gaining weight So do this remedy!

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  बच्चे का वजन नहीं बढ़ रहा , तो ये उपाय करें! Baby is not gaining weight So do this remedy!   अगर आपके बच्चे का वजन नहीं बढ़ रहा है, तो उसकी डाइट में शामिल करें ये  चीजें, उसकी सेहत में सुधार होना शुरू हो जाएगा।  आप अपने दुबले-पतले बच्चों का वजन बढ़ाने के लिए उनके आहार में कुछ खास चीजें शामिल कर सकते हैं। आइए जानें कुछ खाद्य पदार्थों के बारे में। कई बार बच्चे ठीक से खाना नहीं खाते हैं और इससे उनकी सेहत पर असर पड़ता है। वे भोजन को फेंक देते हैं या घर के एक कोने में छिप जाते हैं, जिससे उन्हें आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। बच्चे का वजन क्यों नहीं बढ़ रहा है, इस पर भी ध्यान देना जरूरी है।  हर माता-पिता अपने बच्चे के अच्छे शारीरिक और मानसिक विकास के लिए प्रयास करते हैं। इसके लिए वह अपने बच्चे के दैनिक आहार में उचित पोषक तत्वों को शामिल करने की कोशिश करते हैं ताकि बच्चे का वजन अच्छी तरह से बढ़ सके।  लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हें जन्म के समय कम वजन के बच्चों के आहार में शामिल करने की आवश्यकता होती है ताकि वे स्वस्थ रह सकें। इसके लिए संतुलित आहार और देखभाल के साथ-साथ बच्चों के खान-पा

एक्सरसाइज की शुरुआत कैसे करे। How to start exercise

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एक्सरसाइज की शुरुआत कैसे करे। How to start exercise   हमें तंदुरुस्त रहने के लिए हेल्दी डाइट के साथ हमें शारीरिक व्यायाम (एक्सरसाइज) करना भी जरूरी है। जिससे हमारी मसल्स ताकतवर बनते हैं। साथ ही पूरे दिन भर हम स्फूर्ती से भरे होते हैं।परिणाम स्वरूप हम अपने काम को अच्छी तरीके से बिना थके उल्लास के साथ पूरा कर सकते हैं।   जब हमारे शरीर में कुछ दर्द, या समस्या शुरू होती है तो अक्सर लोग व्यायाम करना शुरू करते हैं। पर वह समझ नहीं पाते कि एक्सरसाइज की शुरुआत कैसे करें? कौन-कौन सी एक्सरसाइज करें? तो आज हम बेसिक एक्सरसाइज कैसे करें! इस बात को जाने वाले हैं।   एक्सरसाइज शुरू करने से पहले हमें कुछ देर धीरे चलना है। फिर थोड़ी स्पीड को बढ़ाना है, बाद में दौड़ना है। इस तरह से धीरे-धीरे हमारे बॉडी को हमें गर्म करना है। दौड़ना संभव ना हो तो एक जगह पर ही स्पॉट जम्प करनी है। यह वर्कआउट आपको 5 से 10 मिनट तक करना है।   इसके बाद हमें स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज शुरू करना है।  १ गर्दन के व्यायाम प्रकार - नेक रोटेशन, साइट टू साइट अप एंड डाउन, एंड फुल रोटेशन  २ हाथ/ कंधे के व्यायाम प्रकार - हैंड रोटेशन, (क्लॉक &

गर्मियों में हमारा खानपान कैसे होना चाहिए ? How should we be eating in summer?

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  गर्मियों में हमारा खानपान कैसे होना चाहिए ? How should we be eating in summer?   गर्मी के दिनों में हमारे शरीर को ठंडा करके जरूरी शारीरिक उर्जा प्रदान करें ऐसे सभी खाद्य पदार्थ हमें सेवन करने चाहिए।  पेय पदार्थ - नारियल पानी, नींबू का रस, फलों का रस, गन्ने का रस पीने से हमें ऊर्जा प्राप्त होती है।  भरपूर मात्रा में पानी पिए गर्मी के दिनों में थोड़ी मेहनत करने के बाद ही हमारा गला गला सूखने लगता है इसलिए हमें समय-समय पर भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए शरीर में पानी की मात्रा को कम नहीं होने देना है। अनाज- ज्वार, चावल, बाजरा ऐसे शीतल अनाज हमें सेवन करना चाहिए।   डाले- दालों में मुग, मसूर, लोबिया जैसी दालों का सेवन करना चाहिए।   फल - आम, तरबूज, खरबूज, संतरा ,अमरूद, पपीता और केला खाना फायदेमंद होता है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा होती है। इससे हमें जरूरी ऊर्जा प्राप्त होकर शरीर को ठंडा रखने में भी सहायक होते हैं। सूखे मेवे- ऐसे बहुत सारे सूखे मेवे गर्म होते हैं पर गर्मी में किशमिश और ब्लैक करंटस का सेवन करना अच्छा होता है।  सब्जियां- करेला, दौड़का, तोरई,लौकी क

उत्थित बालासन। (Child pose) करने की विधि और लाभ।

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उत्थित बालासन। (Child pose) करने की विधि और लाभ।    बालासन- यह एक आराम करने की स्थिति, मुद्रा है। बालासना मतलब छोटा बच्चा इस तरह की मुद्रा में छोटे बच्चे आराम करते हैं। तो आज हम इसी आसन को करने की विधि और उनके लाभ के बारे में जानेंगे।   बालासन करने के लाभ बालासन नियमित रूप करने से हमें होने वाले लाभ। १ बालासन करने से पेट, कमर और जांघ में खिंचाव होकर उनका व्यायाम होकर स्नायु मजबूत बनते हैं। २ दिमाग शांत करने में यह आसन लाभकारी है।  ३ बालासन करने से पेट के स्नायु पर जोर पड़ता है और उनका व्यायाम होता है। ४ बालासन संपूर्ण शरीर को आराम देता है।   बालासन करने का तरीका।   १ बालासन करने के लिए अपने मैट पर वज्रासन में बैठ जाए।  २ सांस भरकर अपने दोनों हाथ सीधे सिर पर उठा ले। 3 अब सांसो को छोड़ते हुए आगे की ओर झुके। ४ आपकी हथेली जमीन पर टिका ले साथ में अपना माथा भी जमीन पर टिकाना है। ५ यह बालासन की मुद्रा है। इस अवस्था में अपना शरीर ढीला छोड़ें सास मध्यम गति से लेते - छोड़ते रहे। ६ इस आसन में आपको 30 सेकंड से 5 मिनट तक रहे रह सकते हैं। ७ हाथ की उंगलियों को आपस में जोड़कर इसके बीच अपना सिर रखकर भी

एक अच्छे खिलाड़ी के गुण विशेष।Characteristics of a good player

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  एक अच्छे खिलाड़ी के गुण विशेष। Characteristics of a good player १ समय का पाबंद - जीवन में किसी भी लक्ष्य को हासिल करना है या फिर कोई चीज पाना है तो हमें वक्त की कीमत को समझना होगा। अपने सभी काम समय पर पूरे करने होंगे। जैसे खिलाड़ी का पूरा दिन क्रम वर्कलोड से बना होता है। सुबह उठने से लेकर वक्त पर वर्कआउट,डाइट और नींद आदि सभी चीजें वक्त के अनुसार ही करने होते हैं। इसलिए जो भी वक्त की कदर करते हैं, या वक्त के पाबंद होते हैं वह अपने लक्ष्य में जीत हासिल करते हैं।   २ सीखने की भुख - एक खिलाड़ी अपनी गलतियों से बहुत ज्यादा सीखता है। अपनी हर कोशिश में वह अनुभव मिलाकर फिर से पूरी ताकत के साथ लड़ता या खेलता है। इसलिए उसे उसकी सीखने की भुख कभी नहीं मिटतीl   ३ नम्रता सहनशीलता - एक अच्छा खिलाड़ी का व्यवहार अपने टीम और खेल के प्रति नम्र होता है। अपनी इसी गुणविशेष के कारण वह सबका दिल जीतता है, जिसका फायदा उसे विपरीत परिस्थितियों में होता है। खिलाड़ी काफी सहनशील होते हैं कई बार खेल के दौरान चोट लगना खिलाड़ी के लिए कस्ट भरा होता है। कई बार खेल से बाहर भी होना पड़ता है। चोट के अलावा भी कई चुनौतियों

दवा सिर्फ बोतल और गोलियों में नहीं होती..। Medicines are not just in bottles and pills.

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  दवा सिर्फ बोतल और गोलियों में नहीं होती..। Medicines are not just in bottles and pills.   व्यायाम ही औषधि है।  उपवास औषधि है।  नेचुरोपैथी एक औषधि है।  जोर से हंसना ही दवा है।  सब्जी औषधि है।  अँधेरी नींद की दवा है।  स्वच्छ धूप ही औषधि है।  कृतज्ञता और प्रेम औषधि हैं।  अच्छे दोस्त बनना ही दवा की दुकान है।  मित्रों का संग करना ही दवा है।  परिवार के साथ भोजन ही औषधि है।  परिवार के साथ यात्रा औषधि है। निरंतर प्रसन्न और मुस्कुराता चेहरा है औषधि  नियमित योग और ध्यान ही औषधि है।  कभी कभी खामोशी और एकांत ही दवा है.....