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एक्सरसाइज की शुरुआत कैसे करे। How to start exercise

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एक्सरसाइज की शुरुआत कैसे करे। How to start exercise   हमें तंदुरुस्त रहने के लिए हेल्दी डाइट के साथ हमें शारीरिक व्यायाम (एक्सरसाइज) करना भी जरूरी है। जिससे हमारी मसल्स ताकतवर बनते हैं। साथ ही पूरे दिन भर हम स्फूर्ती से भरे होते हैं।परिणाम स्वरूप हम अपने काम को अच्छी तरीके से बिना थके उल्लास के साथ पूरा कर सकते हैं।   जब हमारे शरीर में कुछ दर्द, या समस्या शुरू होती है तो अक्सर लोग व्यायाम करना शुरू करते हैं। पर वह समझ नहीं पाते कि एक्सरसाइज की शुरुआत कैसे करें? कौन-कौन सी एक्सरसाइज करें? तो आज हम बेसिक एक्सरसाइज कैसे करें! इस बात को जाने वाले हैं।   एक्सरसाइज शुरू करने से पहले हमें कुछ देर धीरे चलना है। फिर थोड़ी स्पीड को बढ़ाना है, बाद में दौड़ना है। इस तरह से धीरे-धीरे हमारे बॉडी को हमें गर्म करना है। दौड़ना संभव ना हो तो एक जगह पर ही स्पॉट जम्प करनी है। यह वर्कआउट आपको 5 से 10 मिनट तक करना है।   इसके बाद हमें स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज शुरू करना है।  १ गर्दन के व्यायाम प्रकार - नेक रोटेशन, साइट टू साइट अप एंड डाउन, एंड फुल रोटेशन  २ हाथ/ कंधे के व्यायाम प्रकार - हैंड रोटेशन, (क्लॉक &

गर्मियों में हमारा खानपान कैसे होना चाहिए ? How should we be eating in summer?

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  गर्मियों में हमारा खानपान कैसे होना चाहिए ? How should we be eating in summer?   गर्मी के दिनों में हमारे शरीर को ठंडा करके जरूरी शारीरिक उर्जा प्रदान करें ऐसे सभी खाद्य पदार्थ हमें सेवन करने चाहिए।  पेय पदार्थ - नारियल पानी, नींबू का रस, फलों का रस, गन्ने का रस पीने से हमें ऊर्जा प्राप्त होती है।  भरपूर मात्रा में पानी पिए गर्मी के दिनों में थोड़ी मेहनत करने के बाद ही हमारा गला गला सूखने लगता है इसलिए हमें समय-समय पर भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए शरीर में पानी की मात्रा को कम नहीं होने देना है। अनाज- ज्वार, चावल, बाजरा ऐसे शीतल अनाज हमें सेवन करना चाहिए।   डाले- दालों में मुग, मसूर, लोबिया जैसी दालों का सेवन करना चाहिए।   फल - आम, तरबूज, खरबूज, संतरा ,अमरूद, पपीता और केला खाना फायदेमंद होता है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा होती है। इससे हमें जरूरी ऊर्जा प्राप्त होकर शरीर को ठंडा रखने में भी सहायक होते हैं। सूखे मेवे- ऐसे बहुत सारे सूखे मेवे गर्म होते हैं पर गर्मी में किशमिश और ब्लैक करंटस का सेवन करना अच्छा होता है।  सब्जियां- करेला, दौड़का, तोरई,लौकी क

उत्थित बालासन। (Child pose) करने की विधि और लाभ।

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उत्थित बालासन। (Child pose) करने की विधि और लाभ।    बालासन- यह एक आराम करने की स्थिति, मुद्रा है। बालासना मतलब छोटा बच्चा इस तरह की मुद्रा में छोटे बच्चे आराम करते हैं। तो आज हम इसी आसन को करने की विधि और उनके लाभ के बारे में जानेंगे।   बालासन करने के लाभ बालासन नियमित रूप करने से हमें होने वाले लाभ। १ बालासन करने से पेट, कमर और जांघ में खिंचाव होकर उनका व्यायाम होकर स्नायु मजबूत बनते हैं। २ दिमाग शांत करने में यह आसन लाभकारी है।  ३ बालासन करने से पेट के स्नायु पर जोर पड़ता है और उनका व्यायाम होता है। ४ बालासन संपूर्ण शरीर को आराम देता है।   बालासन करने का तरीका।   १ बालासन करने के लिए अपने मैट पर वज्रासन में बैठ जाए।  २ सांस भरकर अपने दोनों हाथ सीधे सिर पर उठा ले। 3 अब सांसो को छोड़ते हुए आगे की ओर झुके। ४ आपकी हथेली जमीन पर टिका ले साथ में अपना माथा भी जमीन पर टिकाना है। ५ यह बालासन की मुद्रा है। इस अवस्था में अपना शरीर ढीला छोड़ें सास मध्यम गति से लेते - छोड़ते रहे। ६ इस आसन में आपको 30 सेकंड से 5 मिनट तक रहे रह सकते हैं। ७ हाथ की उंगलियों को आपस में जोड़कर इसके बीच अपना सिर रखकर भी

एक अच्छे खिलाड़ी के गुण विशेष।Characteristics of a good player

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  एक अच्छे खिलाड़ी के गुण विशेष। Characteristics of a good player १ समय का पाबंद - जीवन में किसी भी लक्ष्य को हासिल करना है या फिर कोई चीज पाना है तो हमें वक्त की कीमत को समझना होगा। अपने सभी काम समय पर पूरे करने होंगे। जैसे खिलाड़ी का पूरा दिन क्रम वर्कलोड से बना होता है। सुबह उठने से लेकर वक्त पर वर्कआउट,डाइट और नींद आदि सभी चीजें वक्त के अनुसार ही करने होते हैं। इसलिए जो भी वक्त की कदर करते हैं, या वक्त के पाबंद होते हैं वह अपने लक्ष्य में जीत हासिल करते हैं।   २ सीखने की भुख - एक खिलाड़ी अपनी गलतियों से बहुत ज्यादा सीखता है। अपनी हर कोशिश में वह अनुभव मिलाकर फिर से पूरी ताकत के साथ लड़ता या खेलता है। इसलिए उसे उसकी सीखने की भुख कभी नहीं मिटतीl   ३ नम्रता सहनशीलता - एक अच्छा खिलाड़ी का व्यवहार अपने टीम और खेल के प्रति नम्र होता है। अपनी इसी गुणविशेष के कारण वह सबका दिल जीतता है, जिसका फायदा उसे विपरीत परिस्थितियों में होता है। खिलाड़ी काफी सहनशील होते हैं कई बार खेल के दौरान चोट लगना खिलाड़ी के लिए कस्ट भरा होता है। कई बार खेल से बाहर भी होना पड़ता है। चोट के अलावा भी कई चुनौतियों

दवा सिर्फ बोतल और गोलियों में नहीं होती..। Medicines are not just in bottles and pills.

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  दवा सिर्फ बोतल और गोलियों में नहीं होती..। Medicines are not just in bottles and pills.   व्यायाम ही औषधि है।  उपवास औषधि है।  नेचुरोपैथी एक औषधि है।  जोर से हंसना ही दवा है।  सब्जी औषधि है।  अँधेरी नींद की दवा है।  स्वच्छ धूप ही औषधि है।  कृतज्ञता और प्रेम औषधि हैं।  अच्छे दोस्त बनना ही दवा की दुकान है।  मित्रों का संग करना ही दवा है।  परिवार के साथ भोजन ही औषधि है।  परिवार के साथ यात्रा औषधि है। निरंतर प्रसन्न और मुस्कुराता चेहरा है औषधि  नियमित योग और ध्यान ही औषधि है।  कभी कभी खामोशी और एकांत ही दवा है.....            

संचालित नौकासन करने की विधि और लाभ। Method and benefits of doing powered boatsana.

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  संचालित नौकासन करने की विधि और लाभ। Method and benefits of doing powered boatsana.   संचालित नौकासन: यह आसन नौकासन से ज्यादा कठिन और लाभकारी आसान है। जो नौकासन अच्छी तरह से कर सकते हैं उन्हें एडवांस में यह आसन करना चाहिए।   संचालित नौकासन करने की विधि। १ योगा मैट पर पेट के बल लेट जाए।   2 दोनो पैर एक साथ मिला ले हाथ कमर के पास जमीन पर रख ले। ३ अब नौकासन स्थिति में आए।  ४ इस स्थिति में हाथ जमीन पर होने से शरीर का भार हाथों पर हल्का सा ले। 5 दोनों पैर ऊपर- नीचे लेकर आए। ६ इसे संचलण कहा जाएगा, इस तरह से सांसों के साथ पैर का संचालन करके तालमेल बिठाना है। ७ यह विधि लगातार सीन 30 सेकंड तक करना है, फिर थोड़ी विश्रांति लेकर और दो सेट करने हैं।   संचालित नौकासन करने से होने वाले लाभ। १ पेट के सभी स्नायु का अच्छा व्यायाम होता है।  २ छाती और पीठ के स्नायु मजबूत बनते हैं।  ३ कमर और पैर का फैट कम होकर उनकी कार्य क्षमता बढ़ती है। ४ शरीर धारना में सुधारना होती है। ५ पाचन क्रिया सुधरती है।                           विडियो

गर्मी के दिनों में अपनी सेहत का ख्याल रखें। Take care of your health during summer.

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  गर्मी के दिनों में अपनी सेहत का ख्याल रखें। Take care of your health during summer .   गर्मी के दिनों में अपनी सेहत को स्वस्थ रखने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखें!   कड़ी धूप से बचें- गर्मी के दिनों में कड़ी धूप में घूमना टालना चाहिए। अपने बाहर के सभी काम सुबह 12:00 बजे से पहले निपटाना चाहिए। ज्यादातर सुबह और शाम में बाहर के काम करना चाहिए। जरूरी हो तो धूप में जाने से पहले सर पर टोपी या रुमाल बांधना चाहिए। गर्मी के दिनों में कपड़े ढीले और हल्के रंग के पहनना चाहिए।   खान पान- गर्मी के दिनों में खाने में ज्वारी, बाजरा, चावल और दाल खाना चाहिए। साथ ही मौसमी फल खाना गर्मी से बचने के लिए लाभदायक होते हैं। मौसमी फलों में तरबूज, खरबूज, संतरा,आम, अंगूर, केले यह गर्मी से बचाने में सहायता करते हैं। गर्मी के दिनों में भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए, कूलर का पानी पीने से बचना चाहिए। पानी साधारण या मटके का पीना सेहत के लिए अच्छा होता है। पानी के साथ - साथ नींबू पानी, गन्ना जूस, पीना गर्मी के दिनों में लाभदायक होता है।   हेवी वर्क आउट से बचे- गर्मी के दिनों में वॉकिंग, स्टेचिंग एक्सरसाइज, योगा क

बाहु को बलशाली बनाने में उपयुक्त वशिष्ठ आसन। Suitable Vashistha posture to make the arms strong.

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  बाहु को बलशाली बनाने में उपयुक्त वशिष्ठ आसन। Suitable Vashistha posture to make the arms strong. वसिष्ठ आसन - अपने बाहू को मजबूत और कार्यक्षम बनाने के लिए बहुत लाभदायक है। यह आसन नियमित करने से हमारे हाथ के सभी स्नायु, कंधा, पीठ, और पेट के सभी स्नायु को अच्छा व्यायाम मिलता है। साथ ही हमारी शरीर की धारणा अच्छी होती है।   वशिष्ठ आसन करने की  विधि -  1 योगा मैट पर पुशअप पोजिशन ले। 2 अब दहिने हाथ पर एक तरफ मुडकर पैर सिधे एक पर एक रख ले। 3 इस अवस्था मे शरीर का पूरा भार एक हाथ पर होना चाहिये। 4 आसन लगाते समय दुसरा हाथ उपर की तरफ सीधा रखना है। 5 कमर को नीचे न जाने दे और अपना ध्यान उपर के हात पर स्थिर करे। 6 30 सेकंड इशी अवस्था मे रुके रहे। 7 सांसों की गति मध्यम होने चाहिये। 8 अब धीरे - धीरे मूल स्थिति मे आये। 9 इस विधी को दुसरे हाथ से  करना है। 10 सराव के साथ अपना  समय बढ़ाते रहे। नोट- 1 अगर आप बिमार हो तो यह आसन ना करे। 2 हाथ या कंधो मे चोट या दर्द हो तो यह आसन ना करें।               वशिष्ठ आसन विडियो

खिलाड़ियों को लाभदायक आसन वीरभद्रासन 3। Beneficial posture Virabhadrasana 3 for players

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खिलाड़ियों को लाभदायक आसन वीरभद्रासन 3  Beneficial posture Virabhadrasana 3 for players   वीरभद्रासन पोज़ 3 - जो लोग शरीर दृष्टि से मजबूत और तंदुरुस्त होते हैं। उन्हें अपने पैरों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए यह आसन काफी लाभदायक होता है।   वीरभद्रासन पोज़ 3 करनेकी विधि-   १ योग मैट पर पैर में थोड़ा अंतर रखकर सीधे खड़े हो जाए। २ दाहिने तरफ मुड़कर सामने का पैर बाहर की तरफ मोड़ ले। ३ अब सामने झुक कर दहीने टांग पर खड़े हो जाए। ४ पिछला पैर पीछे की तरफ कमर से बराबर उठाएं। ५ दोनों हाथों को सामने की ओर रखें। ६ इस तरह से एक टांग पर शरीर का पूरा भार ले, हाथ और पिछला पैर एक लाइन में सीधा रखने की कोशिश करें। ७ इस अवस्था में 30 सेकंड तक रुके रहे। ८ अब यह क्रिया दूसरे पैर से दोहराए।   इस आसन से पैर, कंधा, गर्दन, पीठ के स्नायु और फेफड़ों को काफी लाभ होता है। वीरभद्रासन पोज़ 3 -  आसन के लाभ १ टांगों के सभी स्नायु मजबूत बनते हैं। २ बॉडी का पोश्चर सुधरता है। ३ शरीर संतुलन बढ़ता है। ४ एकाग्रता बढ़ती है। ५ पाचन शक्ति सुधरती है। ६ खेल कौशल को कौशल्य पूर्ण तरीके से खेलने में सहायता होती है।           वीरभद्

योगासन वीरभद्रासन पोज २। Warrior pose 2

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  योगासन  वीरभद्रासन पोज २। Warrior pose 2   वीरभद्रासन इस आसन में वीर याने योद्धा के प्रति हमारे शरीर की मुद्रा होती है, इस आसन को नियमित रूप से करने पर पैर के स्नायु के साथ पीठ के स्नायु को भी लाभ होता है। विशेषता घुटनों को मजबूती मिलती है और पैरों की  कार्य क्षमता बढ़ती है। यह आसन एथलेटिक खिलाड़ियों के लिए काफी लाभदायक है। इसे तीन अलग-अलग पोज में किया जाता है। तो अभी हम इसकी पोज २ के बारे में देखने वाले हैं। विरभद्रासन करने की विधि। १ नेट पर पैर में थोड़ा सा अंतर लेकर सीधे खड़े रहे। २ दाहिने पैर को बाहर की तरफ ९० डिग्री में मोड ले। ३ अब पैर में 3 से 4 फीट का अंतर ले।  ४ बाया पैर अंदर की तरफ 15 डिग्री में मोड ले। ५ दोनों हाथों को साइड में कंधे तक उठा ले।  ६ लंबी सांस भरकर धीरे-धीरे अपनी दाई ओर सर को मोड ले। ७ सामने का घुटना ९० डिग्री में फोल्ड करें।  ८ पीछे का पैर सीधा रखें इस अवस्था में 15 से 20 सेकंड तक रुके रहे।  ९ वापस आकर यह क्रिया दूसरे पैर से करे।  १० इस आसन को 10 बार दौराए।  ११ बाद में अपने अनुसार अवधि बढ़ाए।   लाभ। १ वीरभद्रासन नियमित करने से दिमाग तेज होता है। २ पैर के सभी