योगासन वीरभद्रासन पोज २। Warrior pose 2

 योगासन वीरभद्रासन पोज २। Warrior pose 2

 वीरभद्रासन इस आसन में वीर याने योद्धा के प्रति हमारे शरीर की मुद्रा होती है, इस आसन को नियमित रूप से करने पर पैर के स्नायु के साथ पीठ के स्नायु को भी लाभ होता है। विशेषता घुटनों को मजबूती मिलती है और पैरों की  कार्य क्षमता बढ़ती है। यह आसन एथलेटिक खिलाड़ियों के लिए काफी लाभदायक है। इसे तीन अलग-अलग पोज में किया जाता है। तो अभी हम इसकी पोज २ के बारे में देखने वाले हैं।

विरभद्रासन करने की विधि।

नेट पर पैर में थोड़ा सा अंतर लेकर सीधे खड़े रहे।

२ दाहिने पैर को बाहर की तरफ ९० डिग्री में मोड ले।

३ अब पैर में 3 से 4 फीट का अंतर ले। 

४ बाया पैर अंदर की तरफ 15 डिग्री में मोड ले।

५ दोनों हाथों को साइड में कंधे तक उठा ले।

 ६ लंबी सांस भरकर धीरे-धीरे अपनी दाई ओर सर को मोड ले।

७ सामने का घुटना ९० डिग्री में फोल्ड करें। 

८ पीछे का पैर सीधा रखें इस अवस्था में 15 से 20 सेकंड तक रुके रहे।

 ९ वापस आकर यह क्रिया दूसरे पैर से करे।

 १० इस आसन को 10 बार दौराए। 

११ बाद में अपने अनुसार अवधि बढ़ाए।


 लाभ।

१ वीरभद्रासन नियमित करने से दिमाग तेज होता है।

२ पैर के सभी स्नायु मजबूत बनते हैं।

३ हथेली को पूरा खोलने से ऑक्सीजन की ज्यादा मात्रा हमें मिलती है।

 ४ हाथ और कंधे के स्नायु भी मजबूत होते हैं।

 ५ एथलेटिक खिलाड़ियों को इस आसन से काफी लाभ मिलता है।




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