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त्वचा की देखभाल। Care of skin

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  त्वचा की देखभाल। Care of skin   संपूर्ण शरीर पर त्वचा का आवरण रहता है। त्वचा शरीर के ताप को नियंत्रित करती है। त्वचा पर छोटे-छोटे रोम और कूप होते हैं। इन्हीं कुपो से पसीना निकलता है। त्वचा यदि साफ है तो वह आकर्षक एवं अच्छी लगती है। व्यक्ति घुमता  है, तो उसके कारण धूल त्वचा पर ही पड़ती है, जिससे वह गंदी हो जाती है, और पसीना निकलने से भी गंदी हो जाती है। यदि त्वचा की सफाई न की जाए तो इस गंदगी से त्वचा रोग उत्पन्न ना होने का भय रहता है।   त्वचा की सुरक्षा और स्वच्छता के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए।   १ प्रतिदिन सुबह-शाम व्यक्ति को स्नान करना चाहिए।  २ हमेशा ताजे और ठंडे पानी से स्नान करना चाहिए। ठंड में गुनगुने पानी से भी स्नान किया जा सकता है। ३ स्नान करते समय त्वचा को रगड़ कर साफ़ करना चाहिए  ४ त्वचा पर उबटन भी लगाना चाहिए।  ५ ठंड के समय तेल लगाकर स्नान करना चाहिए।  ६ स्नान के बाद तौलिया से रगड़ कर त्वचा को पोछना चाहिए। जिससे रक्त संचार तेज हो जाता है, जो त्वचा के लिए लाभप्रद होता है। ७ ठंडी के दिनों में धूप में बैठने से त्वचा स्वस्थ रहती है। ८ ठंडी के दिनों मे गर्म कपड़ो

अपनी ऊंचाई/कद को बढ़ाएं। Increase your height.

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  अपनी  ऊंचाई/कद को बढ़ाएं। Increase your height.   व्यक्ति की कद (ऊंचाई) का संबंध वैसे तो अनुवंश से जुड़ा होता है। फिर भी हमें कई ऐसे उदाहरण देखने को मिलते हैं की जिन बच्चों के माता-पिता कद में छोटे हैं, परंतु वह बडा या ठीक-ठाक है। इसलिए देखा जाए तो, कुछ बातों का ध्यान रखकर हम हमारी ऊंचाई को बढ़ा सकते हैं।  तो आज हम कद कैसे बढ़ाए। इस विषय को अधिक जान लेते हैं। बच्चों का कद बढ़ने का समय 18 से 21 साल तक का होता है। वही लड़कियों का 14 से 18 साल में पूरी तरह से ग्रोथ हो जाती है। इस समय में कद बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाए तो ज्यादा लाभदायक या उस प्रयासों का परिणाम जल्दी और अच्छा नजर आता है।   कद बढ़ाने के लिए निम्न बातों का पालन करें। 1 पौष्टिक खाना खाए- शरीर विकास में खाने की अहम भूमिका होती है। शरीर स्वास्थ्य हमारे खाने पर निर्भर होता है। हमें खाने से पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम, मिनिरल्स, जैसे तत्व पर्याप्त मात्रा में मिलने से या लेने से अपने कद की बढ़ोतरी अच्छे से होती है।    कद बढ़ाने के लिए दूध, पनीर, दही, फल, हरी सब्जियां का नियमित सेवन करें।   2 नियमित व्यायाम - कद बढ़ा

थकान के कारण, लक्षण, और उपाय।

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  थकान के कारण, लक्षण, और उपाय। थकान ओ स्थिति है जब मनुष्य की में कार्य करने की क्षमता या शक्ति खत्म हो जाती है। सीधे तौर पर इसका मतलब थक जाना होता है। हम देखते हैं कि एक निश्चित समय के बाद हमारा शरीर थक जाता है, हमारे काम करने की क्षमता रुक जाती है। मांसपेशी अपना काम करना बंद कर देती है, यह थकान के कारण होता है।   थकान का मुख्य कारण शरीर में उपस्थित ऊर्जा का खत्म हो जाना होता है।   थकान के दो प्रकार है।  1 मांसपेशियों की थकान  2 मानसिक थकान  जो व्यक्ति अधिक परिश्रम करते हैं, अतिरिक्त काम के कारण मांसपेशियां थक जाती है। जबकि जो मनुष्य अधिक मानसिक कार्य करते हैं वह मानसिक रूप से थक जाते हैं।  थकान के कारण  थकान मुख्यतः निम्न कारणों से होती है। 1 नींद की कमी  2 तनाव और परेशानियां  3 अपूर्ण ऑक्सीकरण   4 कुपोषण  5 ऊर्जा की कमी  थके हुए व्यक्ति के लक्षण 1 ऐसे व्यक्ति की आंखें बुझी- बुझी सी लगती है। 2 ऐसे व्यक्ति को नींद का आभास होता है। 3 कार्य करने की गति धीमी हो जाती है। 4 काम में मन नहीं लगता और काम में गलतियां होती है।   थकान को खत्म करना थकान को निम्न तरीकों से खत्म किया जा सकता है।  1

कैलोरी (Calorie)

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  कैलोरी (Calorie)  ऊर्जा मापन की इकाई है। यह मापन की मीटर पद्धति है और इसके साथ अब जूल का प्रयोग भी किया जाता है। १००० कैलोरी को १ किलोकैलोरी कहते हैं।  कुछ शारीरिक क्रियाकलापों द्वारा प्रति घंटा खपत होने वाली कैलरी की मात्रा।  साइकिलिंग - 6 मील प्रति घंटा- 240 कैलरी साइकिलिंग - 12 मील प्रति घंटा 410 कैलरी जोगिंग 5.5 मील प्रति घंटा 740 कैलरी जोगिंग- 7 मील प्रति घंटा 920 कैलरी  रस्सी कूदना - 750 कैलरी एक ही स्थान पर दौड़ना- 650 कैलरी दौड़ना - 10 मील प्रति घंटा 1280 कैलरी क्रॉस कंट्री - 700 कैलरी तैराकी -  25 गज प्रति मिनट 275 कैलरी  टेनिस- 400 कैलरी चलना- 2 मिल प्रति घंटा 240 कैलरी।

ताकत के प्रकार और उसके विकास के तरीके।

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  ताकत के प्रकार और उसके विकास के तरीके।   ताकत की आम परिभाषा यह है, गतिरोधक के सम्मुख बल लगाने की क्षमता ताकत कहलाती है। तेज दौड़ने वाले के लिये ब्लॉक को चीरने के लिए जो ताकत चाहिए वह उससे है जो एक वेटलिफ्टर को 200 किलोग्रॅम बारवेल उठाने के लिए चाहिए। इससे पता चलता है कि शक्ती के कई प्रकार की होती है।   ताकत के प्रकार निम्नलिखित प्रकार की होती है। 1 अधिकतम ताकत- एकल अधिकतम खिंचाव मे जो बडी से बडी ताकत संभव है।  2 विस्फोटक ताकत - तेज खिंचाव के साथ प्रतिरोध को हटाने की क्षमता।  3 सहनशक्ती की ताकत- बल को कई गुना बढाकर प्रदर्शन करने की क्षमता।   मासपेशिया मजबूत कैसे बनती है। मांसपेशि मजबूत बनाती है परंतु जब उसे सामान्य कार्य से अधिक काम मे लगाये तो वह बोझ से दब जाती है। तब बोझ बढ़ाया जाता है , जब हम बढाये -  1 व्यायाम मे दोहराव की संख्या 2 व्यायाम मे सेट की संख्या 3 तीव्रता- घटा हुवा रिकवरी समय ताकत का विकास   1अधिकतम ताकत - वजन ट्रेनिंग से बढ़ाई जा सकती है। 2 विस्फोटक ताकत बढ़ती है। 1 अनुकूलित व्यायाम से।  2 मेडिसिन बॉल से। 3 पल्योमिरिक व्यायाम से।  4 वेट ट्रेनिंग से। 3 सहनशक्ति की ताक

शरीर को जल की आवश्यकता और उसका कार्य।

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 शरीर को  जल की आवश्यकता  और उसका कार्य। जल के अभाव में व्यक्ति अधिक दिन तक जीवित नहीं रह सकता है। शरीर को इस की नितांत आवश्यकता होती है। चयापचय मे रसायनिक क्रिया हेतु इसकी आवश्यकता होती है। शरीर में 75 प्रतिशत जल होता है। सामान्य तौर पर एक वयस्क व्यक्ति को 1 दिन में 3 लीटर जल की आवश्यकता होती है। मूत्र, श्वसन, पसीना के द्वारा शरीर का जल बाहर निकलता है।   जल की शक्ति के द्वारा उत्तक प्रभावित होते हैं, साल्ट रक्त में और उत्तको में प्राप्त होता है। सोडियम क्लोराइड के साथ चयापचाय होता है। पिट्यूटरी ग्रंथि एक महत्वपूर्ण तत्व है, जो जल से चयपचय  को नियंत्रित करती है।   जल का कार्य -  यह विष तत्वों और व्यर्थ पदार्थों को शरीर के बाहर मूत्र और पसीने के द्वारा निकाल देती है। भोजन को पचाने में सहायता प्रदान करता है। सभी पाचक रसों को द्रवों स्वरूप में बदलता है। शरीर के ताप को नियंत्रित रखता है। शरीर के तंतुओं को मुलायम और लचीला रखता है। पानी कब पीना चाहिए। सुबह उठने के बाद खाली पेट। भोजन करने के 1 घंटा पहले बाद में। दिनभर में 8—10 गिलास जरूरी।  खड़े होकर पानी न पीएं।

व्यक्ती के शरीर निर्माण मे आवश्यक घटक।

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व्यक्ती के शरीर निर्माण मे आवश्यक घटक।   व्यक्ति के शरीर निर्माण में छह घटकों की आवश्यकता अनिवार्य रूप से होती है, जो इस प्रकार है।  1 प्रोटीन, 2 वसा 3 कार्बोहाइड्रेट्स 4 विटामिंस 5 खनिज लवण 6 जल  जिन पदार्थों से ऊर्जा प्राप्त होती है, उनके स्रोत है - कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन।  कार्बोहाइड्रेट्स जैसे - गुड़, शक्कर, शहद, ग्लूकोज, चावल, गेहूं, आलू, कच्चा केला आदि।  वसा जैसे - तेल, घी, मक्खन, क्रीम आदि।  प्रोटीन जैसे - दूध, पनीर, दही, अंडा, मांस, बादाम, मूंगफली, सूखे मेवे, सोयाबीन और दालें आदि।  शरीर निर्माणात्मक और मरम्मत करने वाले पदार्थ है - प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, लोहा आदि।  शरीर को सुरक्षा प्रदान करने वाले तत्व है - खनिज लवण, विटामिन, प्रोटीन, हरी पत्ती वाली सब्जियां आदि।

विटामिन की आवश्यकता।

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  विटामिन की आवश्यकता। विटामिन भोजन के मुख्य तत्त्व है। शरीर की वृद्धि, भोजन पचाने की शक्ति तथा रोग से लढने संघर्ष करने की शक्ति उत्पन्न करते है। विटामिन खाद्यपदार्थ मे पाये जाने वाले सूक्ष्म व रासायनिक पदार्थ है। इसका स्वास्थ से घनिष्ठ संबंध है।        इसकी कमी तथा अभाव से शरीर मे अनेक रोग हो जाते है। अंत: स्वास्थ रखने के लिए भोजन मे प्रयत्न मात्र मे विटामिन का होना आवश्यक होता है।

कैल्सियम की आवश्यकता।

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  कैल्सियम की आवश्यकता। कैल्शियम हमारे शरीर में अस्ति तथा दातों के लिए कैल्शियम की परम आवश्यकता होती है। कैल्शियम के अभाव में बालको की वृद्धि रुक जाती है। अस्थि रोग होने का भय रहता है, तथा दातों में दुर्बलता आ जाती है। दमा तथा चर्म रोग कैल्सियम के अभाव के कारण होते हैं।       कैल्सियम के स्रोत -    हरी सब्जियों दूध, पनीर, अंडे की जर्दी तथा मछली में कैल्शियम पाया जाता है । छोटे बच्चों को दूध देना अत्यधिक लाभदायक होता है, क्योंकि उसमें कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में होता है।

सर्दियों के दिनों में व्यायाम शुरू करने वालों के लिए उपयुक्त टिप्स।

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  सर्दियों के दिनों में व्यायाम करना शुरू करने वालों के लिए उपयुक्त टिप्स।   आजकल हमारा मौसम का नैसर्गिक चक्र में थोड़ा बदलाव हुआ है, यह हम देख सकते हैं। इसके अनेक कारण है पर जैसे ही मौसम बदलता है हमारा शरीर इस बदल को बदलते मौसम के अनुसार एडजस्ट होने में थोड़ा, समय लेता है। पर कुछ बातों का हम अभ्यास कर हम थोड़ी सावधानी बरतें तो हम हर मौसम का मुकाबला कर सकते हैं।   ठंडी के दिन खिलाड़ी के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। अनेक नए शौकीन भी इस ठंडी के दिनों में व्यायाम करना शुरू करते हैं।  और हां यह सही भी है! क्योंकि ठंडी के दिनों में हम खाना ज्यादा खाते हैं। हमें बार- बार भूख लगती है। साथ ही सर्दी में पसीना भी कम आता है। इसलिए थकावट भी जल्दी नहीं होती। इसलिए सर्दियों में ज्यादा देर तक बिना थके वर्कआउट /व्यायाम कर सकते है।  तो इस मोसम का अच्छा मजा लेने के लिए हर उम्र के व्यक्ति ने अपने उमर के हिसाब से कुछ योग क्रिया, व्यायाम नियमित रूप से करना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। जिसे थंडी से होने वाली तकलीफ और अपनी शारीरिक शरीर मे गर्मी बनी रहती है।   तो सर्दी के दिनो मे व्यायाम करना शुरू करने से पहल