शरीर को जल की आवश्यकता और उसका कार्य।

 शरीर को  जल की आवश्यकता  और उसका कार्य।

जल के अभाव में व्यक्ति अधिक दिन तक जीवित नहीं रह सकता है। शरीर को इस की नितांत आवश्यकता होती है। चयापचय मे रसायनिक क्रिया हेतु इसकी आवश्यकता होती है। शरीर में 75 प्रतिशत जल होता है। सामान्य तौर पर एक वयस्क व्यक्ति को 1 दिन में 3 लीटर जल की आवश्यकता होती है। मूत्र, श्वसन, पसीना के द्वारा शरीर का जल बाहर निकलता है।

 जल की शक्ति के द्वारा उत्तक प्रभावित होते हैं, साल्ट रक्त में और उत्तको में प्राप्त होता है। सोडियम क्लोराइड के साथ चयापचाय होता है। पिट्यूटरी ग्रंथि एक महत्वपूर्ण तत्व है, जो जल से चयपचय  को नियंत्रित करती है।

 जल का कार्य - यह विष तत्वों और व्यर्थ पदार्थों को शरीर के बाहर मूत्र और पसीने के द्वारा निकाल देती है। भोजन को पचाने में सहायता प्रदान करता है। सभी पाचक रसों को द्रवों स्वरूप में बदलता है। शरीर के ताप को नियंत्रित रखता है।

शरीर के तंतुओं को मुलायम और लचीला रखता है।शरीर को  जल की आवश्यकता  और उसका कार्य।

  • पानी कब पीना चाहिए।

  • सुबह उठने के बाद खाली पेट। भोजन करने के 1 घंटा पहले बाद में। दिनभर में 8—10 गिलास जरूरी। 
  • खड़े होकर पानी न पीएं।

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