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खिलाड़ी की दिनचर्या कैसी होनी चाहिए?

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  खिलाड़ी की दिनचर्या कैसी होनी चाहिए?  हर कामयाब खिलाड़ी अपने कड़ी मेहनत साथ ही स्वयंशिस्त (अनुशासन) से वह कामयाबी हासिल कर सकता है। बगैर अनुशासन के कड़ी मेहनत भी विफल हो सकती है इसलिए हर खिलाड़ी में कुछ आदते और अपनी दिनचर्या एक शिस्तबद्ध तरीके से व्यतीत करनी होती है।उसके फल स्वरुप वह अपने लक्ष्य को हासिल कर सकता है।   खिलाडीयो की दिनचर्या कैसी हो? उसका विस्तृत विवेचन हम करने वाले हैं। 1 सुबह का उठना- अच्छे खिलाड़ी को जीवन में कामयाब बनने के लिए  सुबह 4:00 से 5:30 बजे तक नींद से जागना स्वस्थ के लिए काफी लाभदायक होता है। सुबह में हम पूरी ऊर्जा से भरे होते हैं। सुबह जल्दी उठने से हम पूरे दिन की दिनचर्या को अच्छी तरह निभाते हैं। सुबह के जरूरी काम निपटा निपटा कर हमें सुबह एक घंटा व्यायाम या खेल की प्रेक्टिस करना चाहिए। बाद में अगले काम करना चाहिये। 2 स्नान- करने  के लिए मौसम के अनुसार थोड़ा सा गर्म पानी का प्रयोग करना अच्छा होता है, ज्यादा गर्म पानी से नहाने से हमारी त्वचा को नुकसान होता है। नहाने का पानी ताजा होना चाहिए। नहाने से हमारी त्वचा साफ होकर खून का प्रेशर कंट्रोल होता है। हम ता

टोकयो ऑलिम्पिक अपडेट

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  टोकयो ऑलिम्पिक अपडेट भारत ने भले ही अब तक टोक्यो ओलंपिक्स (Tokyo Olympics) में अभी तक कोई गोल्ड मेडल (Gold Medal) नहीं जीता है लेकिन पहलवान प्रिया मलिक (Priya Malik) ने हंगरी में हो रही विश्व कुश्ती चैंपियनशिप (World Wrestling Championship) में गोल्ड मेडल जीत लिया है.  जागतिक कुस्ती स्पर्धा में  भारतीय कुस्तीपटू प्रिया मलिकने गोल्ड मेडल जितकर इतिहास बनाया है। इससे पूर्व मिराबाई चानूने ऑलिम्पिक वेटलिफ्टिंगमध्ये रौप्यपदक जितकर इतिहास रचाया था। अब प्रिया मलिकने गोल्ड मेडल जितने से हर्ष  व्यक्त किया जा रहा है। प्रिया ने बेलारूस के कुस्तीपटू को 5-0 के फासले से हराकर ये सुवर्ण प्राप्त किया है। प्रियाने 2019 में पुणा में खेलो इंडिया में सुवर्ण पदक पटकाया था। पिछले साल 2019 में दिल्लीमध्ये 17 वी स्कूल गेम्स में भी उसने सुवर्ण पदक हासिल किया था। 2020 में पटना के नॅशनल कॅडेट चॅम्पियनशिप में भी उसने सुवर्ण पदक प्राप्त किया है।   वेटलिफ्टिंग    भारत की अनुभवी खेळाडू मीराबाई चानूनं  (Mirabai Chanu) ने भी   इतिहास रचाया है। उसने ऑलिम्पिक में सिल्वर मेडल जित लिया है।  ( Mirabai Chanu wins silver i

सोने की आदर्श स्थिति कैसी हो।

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  सोने की आदर्श स्थिति।  सर्वोत्तम सोने/लेटने की स्थिति एक ऐसा अंग विन्यास  है जिसमें शरीर के सभी अंग इस प्रकार की स्थिति में रहते हैं, जिसमें शरीर पर न्यूनतम खिंचाव तथा तनाव पैदा हो। कोई व्यक्ति सामान्यत: विश्राम अथवा सुस्ताना चाहता है, तो वह इसके सर्वोत्तम अंगविन्यास में सिधे पीठ के बल बिस्तर या फर्श पर लेटता है, जिसमें उसकी टांगें सीधी पूरी तरह से आगे की ओर खुली रहती है तथा पंजे थोड़ी दूरी पर आरामदायक स्थिति में रहते हैं। बांह और शरीर के बाजू सीधे रहते हैं। यह शरीर विन्यास योग क्रियाओं के शवासन के लगभग समान होता है, जिसे की विश्राम के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।     बिस्तर एकदम मजबूत होना चाहिए। वह न ही कठोर हो और ना ही स्प्रिंग, पंच का हो। ऐसे अवांछनीय बिस्तर शरीर की संधिया धंसा देते हैं, उचे तकिए गर्दन की पेशियों में खिंचाव पैदा कर देते हैं। तथा सिर के लिए समुचित रक्त प्रवाह को रोकते हैं। सोते समय ना तो पेट के बल सोना चाहिए और ना ही एक तरफ भी सोना समुचित होता है। चाहे वह दाहिनी या बाई और हो।  ऐसा अवलोकन किया गया है कि, एक तरफ थोड़े से घुटने मोड़कर आरामदायक स्थिति में सोने की स्थित

व्यायाम करते समय ध्यान रखनेवाली बाते।

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  व्यायाम  व्यायाम के द्वारा व्यक्ति के शरीर को के सभी अंग गतिशील हो जाते हैं, जिससे व्यक्ति स्वस्थ बना रहता है। शरीर की पेशियों की वृद्धि के लिए व्यायाम जरूरी है। पेशिया ताकदवर होती है और उनकी कार्य क्षमता में बढ़ोत्तरी होती है। शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है।  व्यायाम के द्वारा रक्त संचार प्रणाली ठीक रहती है। शरीर द्वारा अनावश्यक पदार्थ बाहर निकल जाते हैं, जिससे शरीर निरोगी रहता है।   व्यायाम करते समय निम्नलिखित बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।  1 व्यायाम हमेशा नीचे से ऊपर और ऊपर से नीचे के अंग से ही शुरु करना चाहिए।  2 व्यायाम हमेशा खाली पेट  करना चाहिए। भोजन करने के 5 घंटे के बाद  करना लाभदायक होता है। 3 व्यायाम नियमित् करना चाहिए, सुबह या शाम के समय में ही करना अच्छा होता है। 4 व्यायाम करने के बाद बहुत थकान का अनुभव नहीं होना चाहिए, व्यायाम 30 से 40 मिनट तक करना पर्याप्त होता है।  5 व्यायाम हमेशा खुले स्थान पर ही करना चाहिए। 6 व्यायाम के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए और ना ही स्नान करना चाहिए।  7 व्यायाम हमेशा उम्र को ध्यान में रखकर करना चाहिए। 8 व्यायाम के समय नाक से सांस लेनी चाह

टोकियो ऑलम्पिक : भारत के टीम में जगह बनाने वाले ऑलम्पिक खिलाड़ी।

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  टोकियो ऑलम्पिक :  भारत के टीम में जगह बनाने वाले ऑलम्पिक खिलाड़ी। ऑलिम्पिक यह क्रीडा क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्पर्धा मानी जाती है। इस साल यह स्पर्धा २३ जुलै से जपान के टोकियो शहर में खेली जाएंगी।    अबतक भारत ने विविध क्रीडा प्रकार में १०० ज्यादा  खेलाडियो का इस प्रतियोगिता के लिये चयन किया है।  कोण है यह खिलाडी उनके बारे में जान लेते है। शूटींग (नेमबाजी) - • १० मी. एअर रायफल - (महिला) : अंजुम मुद्गील, अपुर्वी चंदेला • १० मी. एअर रायफल - (पुरुष) : दिव्येश सिंग परमार, दीपक कुमार • १० मी. एअर पिस्तुल - (महिला) : मनू भाकेर, यशस्विनी सिंग देसवाल • १० मी. एअर पिस्तुल - (पुरुष) : सौरभ चौधरी, अभिषेक वर्मा • २५ मी. पिस्तुल - (महिला) : राही सरनौबत, एल्वेनिल वलारिवन • ५० मी. रायफल थ्री पोजिशन - (महिला) : तेजस्विनी सावंत • ५० मी. रायफल थ्री पोजिशन - (पुरुष) : संजीव राजपूत, ऐश्वर्य प्रतापसिंह तोमर • स्कीट (पुरुष) : अंगद विरसिंग बाजवा, माइराज अहमद खान   कुस्ती - • महिला फ्रिस्टाईल - सिमा बिस्ला (५० किलो), विनेश फोगट (५३ किलो), अंशु मलिक (५७ किलो), सोनम मलिक (६२ किलो) • पुरुष फ्रिस्टाईल - रवी कुमार

गोमुखासन करने की पूरी जानकारी, लाभ और सावधानी।

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  गोमुखासन करने की  पूरी जानकारी, लाभ और  सावधानी।  गोमुखासन यह संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ गाय के मुंह के समान होता है। यह आसन करते समय हमारे शरीर की आकृति गाय के मुख समान दिखाई देती है, इसलिए इस आसन को गोमुखासन कहते हैं।   गोमुखासन करने की विधि (कृति ) -  1 दोनों पैर जोड़कर सीधे रखकर जमीन पर बैठ जाए। 2 इसके बाद अपने बाएं पैर को मोड़कर अपने कमर (हिप्स) के नीचे रख दे । 3 दूसरा पैर को भी मोड़ (फोल्ड) कर दूसरे पैर के ऊपर रख दे। 4 इस अवस्था में दोनों घुटने संमातर रखने की कोशिश करें।  5 अब बाया (लेफ्ट) हाथ कोहनी से मोड़कर पीठ के पीछे ले जाए। 6 दूसरे हाथ को मुंह के सामने से पीछे के हाथ को पकड़ना है। 7 इस अवस्था में कमर सीधी रखनी है।  8 जब आप हाथ पकड़ ले उस समय आपकी सांसों की गति सामान्य रखनी है।  9 इस आसन में कूछ देर रुकना है।  थकान या दर्द की स्थिति में इस आसन को धीरे धीरे छोड़ देना है। 10 बस अब यही कृती दूसरे पैर से करनी है।   गोमुखासन करने से पूर्व सावधानी बरतें। 1 आपको घुटने, कमर, या कंधों में दर्द हो तो इस दशा में इस आसन को ना करें।  2 आप अपने मार्गदर्शक के मार्गदर्शन में ही इस आसन का अभ

विश्राम की आवश्यकता क्यू होती है।

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  विश्राम की आवश्यकता क्यों होती है?  व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए विश्राम करना अति आवश्यक है क्योंकि कार्य करने से शरीर में विभिन्न प्रकार के विजातीय पदार्थ उत्पन्न होते हैं और इन पदार्थों के कारण शरीर में थकान पैदा होती है।      थकान को दूर करने के लिए विश्राम करने पर व्यक्ति के अंदर पुनः कार्य करने की शक्ति प्राप्त हो जाती है। आराम करने के बाद व्यक्ति स्फूर्ति और ताजगी की का अनुभव करने लगता है और मन प्रसन्न हो जाता है।  आराम करते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए 1 आराम के समय वातावरण शांत होना चाहिए और शोरगुल नहीं होना चाहिए।  2 आराम स्थान का स्थान हवादार होना चाहिए। यदी गर्मी का समय है तो पंखा, कूलर का प्रयोग करना चाहिए।  यदि ठंड का समय हो तो धूप गर्म चादरों का प्रयोग करना चाहिए, हीटर  का भी प्रयोग करना चाहिए जिससे उचित तापमान बना रहे। आराम के लिए बिस्तर साफ और मुलायम होना चाहिए।  4 मनोरंजन भी आराम की श्रेणी में आता है।  मनोरंजन का अर्थ है कि वह कार्य करें जिससे मन आनंदित हो।  5 विश्राम या आराम का समय 2 से 3 घंटे का होना चाहिए।  विश्राम के समय व्यक्ति को पूर्ण रूप से चिंता

एरोबिक व्यायाम क्या है?

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एरोबिक व्यायाम क्या है?  अमेरिकन कॉलेज ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसन ए. सी. एस एम. ने एरोबिक व्यायाम को इस प्रकार परिभाषित किया है। " ऐसे क्रियाकलाप जिनमें बड़े पेशी समूह का उपयोग हो,  उसे निरंतर बनाए  रखा  जा सके और यही लयात्मक प्रकृति का हो। " यह एक प्रकार का व्यायाम है जो हृदय और फेफड़ों पर अधिक भार डालती है और उनके कड़ा परिश्रम करने का कारण बनता है।        आज एरोबिक व्यायाम के पीछे यही महत्वपूर्ण विचार है, उठो और कूदना शुरू कर दो। ऐसे कई क्रिया कलाप है, जिन्हें चुना जा सकता है, चाहे वह नई क्रिया - कलाप  , हो या पुरानी इसका ध्यान ना करो। बस ऐसे क्रिया - कलाप को चुन लो जो आपको मजेदार लगे और जिसे करते समय आपकी दिल की धड़कन लंबे समय तक लगातार तेज चलती रहे।   एरोबिक व्यायाम के प्रकार  1) एरोबिक नृत्य   2) फिटनेस के लिए सैर   3) रस्सी कूदना  4) दोड़ना 5) सीढ़ियां चढ़ना  6) तैरना  7) साइकिलिंग,  8) क्रॉस कंट्री दौड़ .