विरभद्रासन-१ करने की विधि और लाभ।
विरभद्रासन-१ करने की विधि और लाभ।
इस आसन में हमारे शरीर की मुद्रा वीर समान दिखती है इसलिए इसे वीरासन कहा जाता है।
वीरभद्रासन 1 करने की विधि।
1 सामान्य रूप से सीधा खड़े रहे , अब सीधे पैर को जितना हो सके उतना सामने निकालें।
2 अब सामने का घुटना मोडकर (बेण्ड) कमर को नीचे ले जाये।
3 दोनों हाथ घुटने के पास लाकर मिलाएं।(नमस्कार कि स्थिति)
4 अब हाथ धीरे - धीरे बगैर मोड़े हुए पूरे ऊपर आकाश की ओर ले जाए।
5 हो सके उतना पीछे, ज़ूकने की कोशिश करें।
6 अब इसी पोजीशन में कम से कम 1 मिनट तक रुके।
7 अब धीरे-धीरे मूल अवस्था मे आये।
8 यही कृति आपको दूसरे पैर के साथ भी करनी है।
इस आसन के लाभ।
1 इस आसन से कमर और जांघ की चर्बी कम होती है।
2 हमारे रीढ़ की हड्डी मजबूत और लचीली बनती है।
3 कंधे के स्नायु और गर्दन के स्नायु भी मजबूत होते हैं।
5 यह वेट लॉस और एकाग्रता बढ़ाने में मददगार आसन है।
6 एथलीट खिलाड़ियों को यह आसन काफ़ी लाभ मिलता है।
आसन करने से पूर्व सावधानी -
घुटना, या रीढ़ की हड्डी मे या गर्दन में कोई तकलीफ हो या दर्द हो तो ऐसी स्थिति में इस आसन को ना करें।
Thnx sir
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