हॉकी खेल की पूरी जानकारी।
हॉकी खेल की जानकारी।
फील्ड हॉकी पर हमारे भारतीयों की बड़ी छाप है। भारतीय टीम ने 1928 से 1964 तक 8 ओलयम्पिक मे से सात बार सुवर्ण पदक जीतकर विश्व में अपनी कामयाबी और अपना हुनर दिखाया है। 1908 में इंग्लैंड में खेले गए ओलंपिक में सर्वप्रथम इस खेल का समावेश किया गया। आज इस खेल में काफी कुछ बदल गया है। मिट्टी के मैदान की जगह घास के मैदान ने ली है, इसलिए इस खेल की कौशल्य में भी काफी अमूलाग्र बदलाव हुए हैं। लकडी जगह फाइबर की स्टिक आ गई है, और आज तो ग्राफाइड स्टिक्स का इस्तेमाल होने लगा है। लेदर बॉल की बदले फाइबर बॉल आज खेल में इस्तेमाल होने लगा है।
खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए भी आज आधुनिक संरक्षक साधनों का खेल में उपयोग होने लगा है। ऐसे इस खेल में बदलाव के बावजूद भी हॉकी के जादूगर कहलाने वाले मेजर ध्यानचंद का नाम आज भी वही आदर भाव से इस खेल के साथ जुड़ा है।
हॉकी खेल के बारे में अधिक जानकारी लेते हैं।
टीम - इस खेल के टीम में 16 खिलाड़ी होते हैं, प्रत्यक्ष मैदान में 11 खिलाड़ी खेलते हैं।
खेल का अवधि- पैतीस- पैतीस मिनट के दो पारियां खेली जाती है दो पारी के बीच पांच से 10 मिनट का अंतराल होता है।
खेल का मैदान-
91.4 मीटर लंबा और 55 मीटर चौड़ा होता है।
हॉकी स्टिक - लगभग 1 मि लंबी होती है। जिसका वजन 340g से 790 g तक होता है।
बॉल - हॉकी में प्लास्टिक की बॉल का इस्तेमाल होता है। जिसका परिघ 30 से. मी. होता है।
टाईब्रेक- दोनों टीम के खिलाड़ी अपना वेग, लचीलापन, दिशाभीमुखता और दमखम का पूरा प्रदर्शन कर शूटिंग सर्कल से गोल पोस्ट में गोल दागने का प्रयास करते हैं। इसके बावजूद अगर गोल नहीं होता तो?
7. 5 + 7. 5 मिनट का अधिक समय दिया जाता है। इसमें भी अगर गोल ना हो तो? पांच - पांच पेनल्टी स्ट्रोक दिए जाते हैं। अब इसमें भी बराबरी होती है तो सडन डेथ का अवलंब कर निर्णय दिया जाता है।
हॉकी के मूलभूत कौशल्य -
1 रोल इन झीक- झ~क
2 टर्न उईथ रोल
3 पुश
4 टैप
5 हिट
6 स्कूप
7 फ्लिक
8 पासिंग ड्रिल्स आदि।
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