भालफेक के नियम और मैदान की जानकारी।
भाला फेक
टोकियो ओलंपिक में भारत को अपना पहला गोल्ड मेडल इसी खेल में मिला है। भारत के खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने यह मिडल दिलाया है। भाला फेक एक ट्रैक एंड फील्ड एथलीट प्रतियोगिता है। नीरज ने 87.58 मीटर भाला फेंककर गोल्ड मिडल पर मोहर लगाई है।
भालफेक के नियम और मैदान की जानकारी।
1 धावन मार्ग-
भालफेक का धावन मार्ग 4 मीटर चौड़ा होता है। धावन मार्ग 30 मीटर से कम और 36. 5 मीटर से अधिक नहीं होना चाहिए।
2 भाला फेक 29° कोन सेक्टर से फेकना होता है।
3 कोन बिंदु से 8 मीटर पर 7 सेंटीमीटर का चाप बिठाया हुआ होता है। भाला फेकते समय अगर खिलाड़ी का स्पर्श इससे होता है तो यह फ़ाउल माना जाता है।
4 चाप के बाहरी हिस्से में 1.5 मीटर की लाइनें होती है, इस लाइन को खिलाडी का स्पर्श होना फ़ाउल होता है।
5 भाले की लंबाई-
260 सेंटीमीटर से 270 सेंटीमीटर तक पुरुषों के लिए।
220 सेंटीमीटर से 230 सेंटीमीटर तक महिलाओं के लिए होती है।
6 भाले का वजन-
800 ग्राम पुरुषों के लिए।
600 ग्राम महिलाओं के लिए।
*भाला फेंक के रूल्स और फाउल*
1 भाले की पकड़ पकड़ की जगह पर ही होना चाहिए।
2 भाला फेकने के बाद भाले का मेटल का नोक सबसे पहले जमीन पर लगना चाहिए।
3 भाला फेक सेक्टर लाइन के बीच में गिरना चाहिए।
4 तीन भाला फेंक के समय चाप या बाजू की लाइन को स्पर्श होना फ़ाउल होता है।
5 भाला फेकी जमीन से गिरने से पूर्व मैदान छोड़ना फ़ाउल होता है।
6 भाला फेंकने के बाद हवा में अगर भाला टूट जाए तो उस खिलाड़ि को दोबारा फेक का मौका मिलता है।
भाला फेक का मैदान |
Thanks for information sir
जवाब देंहटाएं