बद्ध पद्मासन करणे की विधी और लाभ।

 बद्ध पद्मासन 

यह पद्मासन का ही प्रकार है। इसे आरोग्य प्राप्ति और शरीर सामर्थ्य और सुदृढ बनाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। यह आसन कस्टदाय होने की वजह से जो लोग यह आसन नहीं कर सकते हैं उन्होंने जिद और सतत प्रयास से यह आसन करते रहना चाहिए।


 कृति / विधि

1 पैर की मांडी डालकर पद्मासन में इस तरह से बैठना है कि दोनों पैर की टाच को अपनी ओटी पेट से स्पर्श हो।

2 उसके बाद दोनों हाथ पीठ के पीछे ले जाकर हाथ की कैची बना कर ( क्रॉस)हाथो से पैर के अंगूठे को पकड़ना है।

3 शुरुआत में कुछ दिन हाथ में पकड़ने के लिए मुस्किल होगा ऐसा होने पर सामने झुक कर पैर का अंगठा पकड़ कर फिर पीठ को सीधा करना है। और सीधा बैठना है।

4 यह आसन करते समय सांस की गति मंद जारी रखनी है। यह आसन 1 मिनट से लेकर। आगे अपना समय बढ़ा सकते हैं।


फायदे/ लाभ 

1 इस आसन में दोनों घुटने और घुटने के जोड़ों पर जोर पड़ता है। इस वजह से हमारे जोड मजबूत होते हैं।

2 दोनों पैर के पंजों को अच्छी तरह से व्यायाम मिलता है।

3 यह आसन करने से रीड की हड्डी की दुर्बलता खत्म होकर घुटने के जोड तथा जोडो का दर्द खत्म हो जाता है।

4 शारीरिक एक अच्छे सांचे मे आता है।

5 कमर दर्द दूर होता है।

6 अपचन, वायू बनना, पेट दर्द आदी समस्या दूर होती  है।

7 हम तंदुरुस्त और उत्साह से भरे होते है। इस कारन हम अपने रोज-मर्रा के काम अच्छे तरह से कर सकते है।




टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

खिलाड़ी की दिनचर्या कैसी होनी चाहिए?

गर्मी के दिनों में अपनी सेहत का ख्याल रखें। Take care of your health during summer.

खो-खो खेल का मैदान और नियम की जानकारी।