कान की देखभाल और सुरक्षा।

 

कान की देखभाल और सुरक्षा।

कानों की बनावट नाजुक एवं जटिल होती है। कान सुनने और संतुलन के महत्वपूर्ण कार्य को संचालित करते है। यह शरीर का महत्वपूर्ण अंग होता है। इस में खराबी आने से सुनने की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होती है। कानों की सुरक्षा के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए।

1 कभी भी कान पर थप्पड़ ना मारे, इससे कान का भीतरी पर्दा फट सकता है। व्यक्ती बहरा हो सकता है।

2 माचिस की तीली, कलम या हेयर पिन आदि से कान न न खुजलाएं। इससे कान की चमडी छिल सकती है। और संक्रमण होने की संभावनाएं रहती है।

3 कान में हाइड्रोजन पेरोक्साइड ना डलवाए।

4 बच्चे खेल खेलने में कान में कंकड, बीज डाल देते हैं। इससे इनको सावधान सावधान करना चाहिए।

5 कान को ठंडी हवा से बचाना चाहिए। सर्दी खांसी होने से कान को नुकसान पहुंचता है।

6 कान में संक्रमित होने या मध्य कान में पानी भर जाने से शीघ्र उचित इलाज करें। 

7 कान दर्द, खुजली की शिकायत अक्सर नाक से सायनस या गले की बीमारी से होती है। इसलिए इस समय कान पर ध्यान देना चाहिए। 

8 कान में वैकश या मैल है तब शुदध जैतून या मूंगफली आदि का तेल गर्म करने के बाद थोड़ा सा ठंडा करके डाल दे।

 9 मवाद बहते कान को यथासंभव सीरीज से धूलवाए।

10 गंदे पानी में न तेरे, मवाद वाले व्यक्ति को तैरना नहीं चाहिए।

11 कानों को नुकसान पहुंचाने वाली दवाई जैसे स्ट्रोप्टमाइसिं कुनेन आदि का प्रयोग बहुत जरूरी होने पर ही करें।

12 नियमित रूप से पॉप या तेज संगीत ना सुने।

13 शोरगुल वाली फैक्ट्रियों उद्योग में कार्यरत व्यक्ति के कानों की उचित देखभाल करनी चाहिए।



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  1. कान की देखभाल और सुरक्षा।
    कानों की बनावट नाजुक एवं जटिल होती है। कान सुनने और संतुलन के महत्वपूर्ण कार्य को संचालित करते है। यह शरीर का महत्वपूर्ण अंग होता है। इस में खराबी आने से सुनने की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होती है। कानों की सुरक्षा के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए।

    1 कभी भी कान पर थप्पड़ ना मारे, इससे कान का भीतरी पर्दा फट सकता है। व्यक्ती बहरा हो सकता है।

    2 माचिस की तीली, कलम या हेयर पिन आदि से कान न न खुजलाएं। इससे कान की चमडी छिल सकती है। और संक्रमण होने की संभावनाएं रहती है।

    3 कान में हाइड्रोजन पेरोक्साइड ना डलवाए।

    4 बच्चे खेल खेलने में कान में कंकड, बीज डाल देते हैं। इससे इनको सावधान सावधान करना चाहिए।

    5 कान को ठंडी हवा से बचाना चाहिए। सर्दी खांसी होने से कान को नुकसान पहुंचता है।

    6 कान में संक्रमित होने या मध्य कान में पानी भर जाने से शीघ्र उचित इलाज करें।

    7 कान दर्द, खुजली की शिकायत अक्सर नाक से सायनस या गले की बीमारी से होती है। इसलिए इस समय कान पर ध्यान देना चाहिए।

    8 कान में वैकश या मैल है तब शुदध जैतून या मूंगफली आदि का तेल गर्म करने के बाद थोड़ा सा ठंडा करके डाल दे।

    9 मवाद बहते कान को यथासंभव सीरीज से धूलवाए।

    10 गंदे पानी में न तेरे, मवाद वाले व्यक्ति को तैरना नहीं चाहिए।

    11 कानों को नुकसान पहुंचाने वाली दवाई जैसे स्ट्रोप्टमाइसिं कुनेन आदि का प्रयोग बहुत जरूरी होने पर ही करें।

    12 नियमित रूप से पॉप या तेज संगीत ना सुने।

    13 शोरगुल वाली फैक्ट्रियों उद्योग में कार्यरत व्यक्ति के कानों की उचित देखभाल करनी चाहिए।





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