शरीर रचना मूल्यमापन के तरीके।

शरीर रचना मूल्यमापन के तरीके।

 शरीर की विवीध भाग प्रमाण बद्ध  स्थिति में होना यह उत्तम आरोग्य का लक्षण माना जाता है। शरीर मे मेद और मेद के बगैर घटक (हड्डी, स्नायु, अवयव) इनका गुणोत्तर शरीर रचना घटक होता है। अपने शरीर के कद के हिसाब से अपना वजन चाहिए। शरीर रचना प्रमाण बद्ध रखने के लिए, दैंनदिन कामकाज, आहार और व्यायाम इनका तालमेल होना आवश्यक है। इस क्षमता का वस्तुनिष्ठ मापन करने के अनेक तंत्र है। जिसका हम अब अभ्यास करेंगे।

1 कमर, छाती घेर का गुणोत्तर। WHR

यह शरीर का मोटापा गिनने का एक महत्वपूर्ण तरीका है इसमें कमर का घेर सेंटीमीटर में भाग  छाती का घेर सेंटीमीटर में इनका गुणोत्तर 0.75 आने पर योग्य शरीर रचना मानी जाती है। छाती के घेर का प्रमाण कमर के घेर से ज्यादा होने पर वह शरीर रचना अयोग्य, या मोटापा कहा जाता है।

2 वजन और ऊंची प्रमाण। 

Body mass index

 शरीर रचना मूल्यमापन का एक महत्वपूर्ण निर्देशांक है। इसे गिनने के लिए 

                   वजन(kg)

BMI= -------------------------

                 ( ऊंची मीटर)2


इस सूत्र का उपयोग किया जाता है। वजन किलोग्राम में भाग ऊंची सेंटीमीटर में और इसका वर्ग इस तरह से यह प्रमाण हम प्राप्त कर सकते हैं। साधारण लड़कों के लिए 21 से 28 तक और लड़कियों के लिए 20 से 26 तक यह गुणोत्तर आना सही होता है। यह दोनों अनिवार्य मुल्यमापन तंत्र है, और येच्छिक मूल्यमापन तंत्र में स्किन फोल्ड टेस्ट की जाती है।


स्किनफोल्ड टेस्ट।

 इसमें शरीर की विविध अवयव अथवा भागों का मेद या चमड़ी दो उंगलियों में पकड़कर शरीर स्थिति का वर्णन किया जाता है। दो उंगलियों में 2 सेंटीमीटर से ज्यादा मेंद या की चमड़ी आने पर ज्यादा मेद है ऐसा समझा जाता है। यह मूल्यमापन की एक सहज और सीधी प्रणाली है। इस तंत्र का अवलंब करते समय जांघ, जांघ के पीछे की बाजू, छाती के पीछे का हिस्सा, कमर के ऊपर का हिस्सा, और पीछे के बगल का हिस्से के जगह पर पकड़ कर अपना अंदाज बताया जाता है।

शरीर रचना मूल्यमापन के तरीके।शरीर रचना मूल्यमापन के तरीके।


टिप्पणियाँ

  1. शरीर रचना मूल्यमापन के तरीके।

    शरीर की विवीध भाग प्रमाण बद्ध स्थिति में होना यह उत्तम आरोग्य का लक्षण माना जाता है। शरीर मे मेद और मेद के बगैर घटक (हड्डी, स्नायु, अवयव) इनका गुणोत्तर शरीर रचना घटक होता है। अपने शरीर के कद के हिसाब से अपना वजन चाहिए। शरीर रचना प्रमाण बद्ध रखने के लिए, दैंनदिन कामकाज, आहार और व्यायाम इनका तालमेल होना आवश्यक है। इस क्षमता का वस्तुनिष्ठ मापन करने के अनेक तंत्र है। जिसका हम अब अभ्यास करेंगे।

    1 कमर, छाती घेर का गुणोत्तर। WHR

    यह शरीर का मोटापा गिनने का एक महत्वपूर्ण तरीका है इसमें कमर का घेर सेंटीमीटर में भाग छाती का घेर सेंटीमीटर में इनका गुणोत्तर 0.75 आने पर योग्य शरीर रचना मानी जाती है। छाती के घेर का प्रमाण कमर के घेर से ज्यादा होने पर वह शरीर रचना अयोग्य, या मोटापा कहा जाता है।

    2 वजन और ऊंची प्रमाण।

    Body mass index

    शरीर रचना मूल्यमापन का एक महत्वपूर्ण निर्देशांक है। इसे गिनने के लिए

    वजन(kg)

    BMI= -------------------------

    ( ऊंची मीटर)2



    इस सूत्र का उपयोग किया जाता है। वजन किलोग्राम में भाग ऊंची सेंटीमीटर में और इसका वर्ग इस तरह से यह प्रमाण हम प्राप्त कर सकते हैं। साधारण लड़कों के लिए 21 से 28 तक और लड़कियों के लिए 20 से 26 तक यह गुणोत्तर आना सही होता है। यह दोनों अनिवार्य मुल्यमापन तंत्र है, और येच्छिक मूल्यमापन तंत्र में स्किन फोल्ड टेस्ट की जाती है।



    स्किनफोल्ड टेस्ट।

    इसमें शरीर की विविध अवयव अथवा भागों का मेद या चमड़ी दो उंगलियों में पकड़कर शरीर स्थिति का वर्णन किया जाता है। दो उंगलियों में 2 सेंटीमीटर से ज्यादा मेंद या की चमड़ी आने पर ज्यादा मेद है ऐसा समझा जाता है। यह मूल्यमापन की एक सहज और सीधी प्रणाली है। इस तंत्र का अवलंब करते समय जांघ, जांघ के पीछे की बाजू, छाती के पीछे का हिस्सा, कमर के ऊपर का हिस्सा, और पीछे के बगल का हिस्से के जगह पर पकड़ कर अपना अंदाज बताया जाता है।



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