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खिलाड़ियों को लाभदायक आसन वीरभद्रासन 3। Beneficial posture Virabhadrasana 3 for players

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खिलाड़ियों को लाभदायक आसन वीरभद्रासन 3  Beneficial posture Virabhadrasana 3 for players   वीरभद्रासन पोज़ 3 - जो लोग शरीर दृष्टि से मजबूत और तंदुरुस्त होते हैं। उन्हें अपने पैरों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए यह आसन काफी लाभदायक होता है।   वीरभद्रासन पोज़ 3 करनेकी विधि-   १ योग मैट पर पैर में थोड़ा अंतर रखकर सीधे खड़े हो जाए। २ दाहिने तरफ मुड़कर सामने का पैर बाहर की तरफ मोड़ ले। ३ अब सामने झुक कर दहीने टांग पर खड़े हो जाए। ४ पिछला पैर पीछे की तरफ कमर से बराबर उठाएं। ५ दोनों हाथों को सामने की ओर रखें। ६ इस तरह से एक टांग पर शरीर का पूरा भार ले, हाथ और पिछला पैर एक लाइन में सीधा रखने की कोशिश करें। ७ इस अवस्था में 30 सेकंड तक रुके रहे। ८ अब यह क्रिया दूसरे पैर से दोहराए।   इस आसन से पैर, कंधा, गर्दन, पीठ के स्नायु और फेफड़ों को काफी लाभ होता है। वीरभद्रासन पोज़ 3 -  आसन के लाभ १ टांगों के सभी स्नायु मजबूत बनते हैं। २ बॉडी का पोश्चर सुधरता है। ३ शरीर संतुलन बढ़ता है। ४ एकाग्रता बढ़ती है। ५ पाचन शक्ति सुधरती है। ६ खेल कौशल को कौशल्य पूर्ण तरीके से खेलने में सहायता होती है।           वीरभद्

योगासन वीरभद्रासन पोज २। Warrior pose 2

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  योगासन  वीरभद्रासन पोज २। Warrior pose 2   वीरभद्रासन इस आसन में वीर याने योद्धा के प्रति हमारे शरीर की मुद्रा होती है, इस आसन को नियमित रूप से करने पर पैर के स्नायु के साथ पीठ के स्नायु को भी लाभ होता है। विशेषता घुटनों को मजबूती मिलती है और पैरों की  कार्य क्षमता बढ़ती है। यह आसन एथलेटिक खिलाड़ियों के लिए काफी लाभदायक है। इसे तीन अलग-अलग पोज में किया जाता है। तो अभी हम इसकी पोज २ के बारे में देखने वाले हैं। विरभद्रासन करने की विधि। १ नेट पर पैर में थोड़ा सा अंतर लेकर सीधे खड़े रहे। २ दाहिने पैर को बाहर की तरफ ९० डिग्री में मोड ले। ३ अब पैर में 3 से 4 फीट का अंतर ले।  ४ बाया पैर अंदर की तरफ 15 डिग्री में मोड ले। ५ दोनों हाथों को साइड में कंधे तक उठा ले।  ६ लंबी सांस भरकर धीरे-धीरे अपनी दाई ओर सर को मोड ले। ७ सामने का घुटना ९० डिग्री में फोल्ड करें।  ८ पीछे का पैर सीधा रखें इस अवस्था में 15 से 20 सेकंड तक रुके रहे।  ९ वापस आकर यह क्रिया दूसरे पैर से करे।  १० इस आसन को 10 बार दौराए।  ११ बाद में अपने अनुसार अवधि बढ़ाए।   लाभ। १ वीरभद्रासन नियमित करने से दिमाग तेज होता है। २ पैर के सभी

ताड़ासन की विधि और फायदे।

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ताड़ासन की विधि और     फायदे। ताड़ासन : खड़े रहकर किए जाने वाले प्राथमिक आसन में से यह एक आसन है। ताड़ासन यह शब्द संस्कृत के ' ताड' मतलब पर्वत और आसन का अर्थ मुद्रा होता है। तो इस आसन में पर्वत की तरह मुद्रा होने से इसे ताड़ासन कहते हैं।   ताड़ासन करने की विधि :   १ आपको सीधे खड़े होना है।  २ पैरो के बीच थोड़ी दूरी रखना है। ३ दोनों हाथ लंबी सांस लेकर सिर के ऊपर लाय।  ४  दोनों हाथ सर पर लेकर आए, अपनी उंगलियों को आपस में बांध ले। ५ अपनी हाथ को ऊपर उठाते हुए पैर के पंजो पर खड़े हो जाए।  ६ इस दौरान अपने हाथ भी ऊपर की तरफ खिंचाव ( स्ट्रेस ) दे।  ७ 10 से 15 सेकंड तक इसी अवस्था में रहे, सांस धीरे-धीरे लेते रहे ।  ८ सांस छोड़ कर अपनी शुरुआती अवस्था में आए ।    ९ इस आसन को कम से कम 10 बार दोहराएं।   ताड़ासन को नियमित रूप से करने से होने वाले लाभ।   १ पीठ और कमर दर्द में राहत मिलती है।  २ हमारे शरीर धारणा में सुधार होता है ।  ३ बढ़ते बच्चों की लंबाई बढ़ने में सहायक आसान है । ४ शरीर का संतुलन बढ़ाने में मदद होती है।  ५ इसे नियमित करने से एकाग्रता बढ़ती है।