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फेंटबॉल खेल के नियम तथा खेल प्रदर्शन। The rules and sports performance of the feintball

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  फेंटबॉल खेल के नियम तथा खेल प्रदर्शन। The rules and sports performance of the feintball  खेल का मैदान -  1 क्षेत्र का आयाम - क्षेत्र आकार में आयताकार है और मिट्टी या सीमेंट या सिंथेटिक से बना हो सकता है।  2 खेल मैदान की लंबाई 15 मीटर (साइड लाइन) और चौड़ाई 6 मीटर (बेस लाइन) है।   3 मैदान के बीच में जोन रेखा होती है।  4 मैदान के दो पार्श्व रेखाओं को जोड़ने वाली मध्य रेखा कहलाती है। सेटर सीधे नेट के नीचे होता है। 5 सेन्टर लाइन  रेखा से 1 मीटर दोनों तरफ की दूरी को मृत रेखा (डेड लाइन)कहा जाता है।  6 डेड  लाइन से 3.5 मीटर की दूरी पर  ज़ोन लाइन (वर्टिकल ज़ोन लाइन), ज़ोन लाइन (वर्टिकल) और बेस लाइन को इंटरसेक्ट करने वाली लाइन ज़ोन है।   नोट: 1 खेल मैदान क्षेत्र की प्रत्येक लाइन 5 सेमी है। 2 खेल मैदान की दिशा उत्तर दक्षिण होनी चाहिए।   नियम 2.    खेल सामग्री -  जाल (नेट) - जाल की लंबाई 6.10 मीटर और चौड़ाई 0.70 मीटर है। जमीनी स्तर से के केंद्र तक ।  सीनियर और जूनियर के लिए नेट की ऊंचाई 1.80 मीटर (ऊपरी तरफ) होनी चाहिए, जिसकी ऊंचाई  सब-जूनियर ग्रुप के लिए केंद्र में नेट 1.65 मीटर होना चाहिए।  प

कुलिंग डाउन एक्सरसाइज कब और कैसे करें। When and how to do the cooling down exercise.

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  कुलिंग डाउन एक्सरसाइज कब और कैसे करें। When and how to do the cooling down exercise.   कुलिंग डाउन क्या है?  खिलाड़ी जब मैदान पर खेलते हैं तो खेल में वह अपनी पूरी ताकत लगा देते हैं हर हाल में जीतना चाहते हैं। खेल मे जितना ही उनका मकसद होता है। मैच के दौरान वह काफी मेहनत करते हैं। जिससे वह काफी थक जाते हैं। उनके स्नायु दर्द करने लगते हैं। इस स्थिती में स्नायु को रिलैक्स करने के लिए जो हल्के से एक्सरसाइज करनी होती है, उसे कूलिंग डाउन एक्सरसाइज कहा जाता है । कूलिंग डाउन करने के बाद स्नायु रिलैक्स होते हैं और दूसरे दिन तंदुरुस्ती के साथ मैदान पर अच्छे से वह खिलाड़ी खेल सकते हैं।   कूलिंग डाउन एक्सरसाइज कब करें।  कॉलिंग डाउन एक्सरसाइज खिलाड़ी उनका वर्कआउट या खेल खत्म होने के बाद ग्राउंड छोड़ने से 10 मिनट पहले यह एक्सरसाइज आरंभ करनी है। जिससे कि थकान और स्नायु को (रिलीफ) आराम मिले।   कौन सी एक्सरसाइज करें।  वर्कआउट या मैच के बाद जब हम कूलिंग डाउन एक्सरसाइज करते हैं, वह एक्सरसाइज हर खेल के लिए अलग-अलग  तरह से की जाती है। जैसे फुटबॉल और एथलीट को पैर के स्नायु में दर्द या अकड़ जाते हैं तो उन्

क्या 40 की उम्र में भी जिम या वेट ट्रेनिंग करना चाहिए? Should I do gym or weight training even at 40?

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  क्या 40 की उम्र में भी जिम या वेट ट्रेनिंग करना चाहिए? Should I do gym or weight training even at 40?   उम्र 40 जीवन का वह पड़ाव है जहां से इंसान अपनी आधी जिंदगी जी कर बच्ची वाली जिंदगी के तरफ बढ़ रहा होता है। अभी तक वह शादी, बच्चे और काम या नौकरी में सेट हो जाता है। अपनी जरूरतें पूरी करते-करते वह खुद की पर्सनल लाइफ भूल जाता है। उसकी डेली रूटीन काफी बिजी होती है। नौकरी के साथ घर की जरूरतें पूरी करने में उसका पूरा दिन निकल जाता है। इस तरह की जीवन शैली से काफी चीजों का को वह समय नहीं दे पाता है। जैसे समाज, रिश्तेदार और फिजिकल फिटनेस।  तो अगर हमें आगे की जिंदगी अच्छे से बितानी है, तो हमें यह खास बातें अभी से अमल करनी चाहिए। जिससे कि हमारे आगे की जिंदगी आराम से और अच्छे से बीते। १ हेल्थ चेक अप-  इस उम्र में आपके बाल झड़ने और पकने लगते हैं। हेल्थ पर ध्यान न देने से सेहत से जुड़ी हल्की बीमारियां दस्तक देने लगती है। आंखों की समस्या भी यही उम्र में महसूस होती है। इसलिए सबसे पहले हेल्थ चेकअप करना जरूरी है। इसके बाद हमें आगे की उपाय योजना करना आसान हो जाता है।   २ खान-पान और पर्याप्त नींद  इस